logo-image

केरल 'लव जेहाद': SC ने कहा- बालिग लड़की की सहमति जरूरी, खुली अदालत में हदिया की होगी सुनवाई

केरल के कथित लव जेहाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई में कोर्ट ने हदिया उर्फ अखिला को 27 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।

Updated on: 30 Oct 2017, 03:15 PM

highlights

  • केरल के 'लव जेहाद' मामले में SC में जारी सुनवाई में कोर्ट ने हदिया उर्फ अखिला को 27 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया 
  • सुप्रीम कोर्ट ने हदिया के पिता की बंद कोर्ट में की जाने वाली सुनवाई की याचिका को खारिज कर कहा कि वह सार्वजनिक तौर पर राय सुनेगा

नई दिल्ली:

केरल के कथित लव जेहाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई में कोर्ट ने हदिया उर्फ अखिला को 27 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने हदिया के पिता को 27 नवंबर को उसे कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है।

साथ ही कोर्ट ने हदिया के पिता की इस बंद कोर्ट में सुनवाई की याचिका को ठुकरा दिया। कोर्ट ने साफ किया कि सुनवाई खुली अदालत में ही होगी।

हदिया को कोर्ट में पेश किए जाने के मामले में मुख्य न्यायाधीन दीपक मिश्रा ने कहा, 'इसके लिए लड़की की सहमति सबसे अहम पहलू है।' कोर्ट ने कहा कि वह सबके सामने हदिया से बात कर उसकी राय जानना चाहेगा।

गौरतलब है कि इससे पिछली सुनवाई में पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि धर्म परिवर्तन कर निकाह करने वाली अखिला उर्फ हदिया की शादी को केरल हाई कोर्ट कैसे रद्द कर सकता है?

और पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट में 'लव जेहाद' का एक और मामला, NIA जांच की मांग

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने एडीशनल सॉलिसीटर जनरल से पूछा, 'क्या कोई ऐसा कानून भी है जो किसी महिला को अपराधी से शादी करने से रोकता है।'

इससे पहले NIA ने कोर्ट से कहा था कि बालिग लड़की को बहका कर शादी करने वाला अपराधी है और लड़की को इस कदर बरगलाया है कि वो सही निर्णय लेने की स्थिति में नहीं है।

गौरतलब है नैशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) इस मामले में तीन सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप चुका है। गौरतलब है कि इससे पहले 17 अगस्त को एक वीडियो सामने आया था, जिसे 24 साल की हदिया ने अपनी जिंदगी पर कथित खतरे का आरोप लगाया था।

इस वीडियो में हदिया यह कहते हुए देखी जा सकती है कि उसके पिता उसे प्रताड़ित कर रहे हैं। वह कर रही थीं, 'आपको मुझे बाहर निकालना पड़ेगा। मैं किसी भी वक्त मारी जाउंगी। मैं जानती हूं कि मेरे पिता गुस्सा में हैं।'

और पढ़ें: अलगाववादियों की धमकी के बीच SC में आज होगी 35A पर सुनवाई

दरअसल मुस्लिम व्यक्ति शफीन जहां की शादी हिंदू महिला हादिया से हुई थी, जिसे केरल हाईकोर्ट ने 25 मई को 'लव जेहाद' कह कर रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले को शफीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अपनी याचिका में जहां ने आदेश को 'भारत में महिला की आजादी का अपमान बताया है।'

हादिया ने मुस्लिम व्यक्ति से दिसंबर 2016 में शादी की थी। महिला ने शादी के लिए इस्लाम स्वीकर लिया था। अदालत ने महिला हादिया को माता-पिता के पास रखने का निर्देश दिया था।

हादिया के पिता की तरफ से वकील ने कहा था कि हादिया एक असहाय पीड़ित है, जो बुरी तरह गिरोह में फंस गई, जो मनोवैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को इस्लाम अपनाने को प्रेरित करता है।

वकील ने कहा कि जहां एक अपराधी है और उनकी बेटी पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया व आईएस से संबंध वाले एक नेटवर्क में फंस गई है।