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केरल में आफत की बारिश ने ली 324 लोगों की जान, हालात का जायजा लेने पहुंचे पीएम मोदी

केरल में भारी बारिश ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश के कारण जान-माल का काफी नुकसान हुआ है।

Updated on: 18 Aug 2018, 08:59 AM

नई दिल्ली:

केरल में भारी बारिश ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश के कारण जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। आसमान से बरसी आफत में 324 लोगों की मौत हो चुकी है। इडुक्की जिले के बड़े बांधों से पानी निकाला जा रहा है, लेकिन कासरगोड को छोड़कर 13 जिलों में अभी भी रेड अलर्ट है। चेंगानूर और चलाकुडी जिलों में फंसे लोगों को सिर्फ हवाई मार्ग से निकला जा सकता है, जिसके कारण रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने अतिरिक्त हेलीकॉप्टर के लिए मंजूरी दे दी है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरल पहुंच गए। तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर केरल के सीएम पिनरई विजयन ने पीएम मोदी का किया स्वागत।

केरल में बारिश के कारण बिगड़े हालत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन से फोन पर बातचीत की और बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की। मोदी ने ट्वीट किया, 'बाढ़ के कारण पैदा हुई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का जायजा लेने मैं केरल जा रहा हूं।'

उन्होंने कहा, 'केरल के मुख्यमंत्री के साथ टेलीफोन पर बात हुई। हमने राज्य में बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की और बचाव अभियान की समीक्षा की।'

मोदी के रात नौ बजे के करीब तिरुवनंतपुरम पहुंचने की संभावना है और वह राजभवन में रुकेंगे। शनिवार को वह बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।

इधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केरल राहत फंड में 10 करोड़ रुपए योगदान देने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को दाने देने की अपील भी की है।

केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी, 'केरल 100 सालों में बाढ़ की सबसे  बुरी स्थिति से गुजर रहा है। 80 बांधों को खोला गया है। 324 लोगों की मौत हो गई हैं और 2,23,139 लोगों को 1500 से अधिक राहत शिविरों में भेजा गया है।'

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पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बाढ़ से जूझ रहे केरल के लिए दस करोड़ की राशि राहत कोष में प्रदान की है। मुख्यमंत्री पंजाब राहत कोष में से पांच करोड़ रुपये की राशि केरल के मुख्यमंत्री राहत कोष में भेजे जा रहे हैं और शेष पांच करोड़ रुपये तैयार खाद्य वस्तुओं और अन्य वस्तुओं के रूप में भारतीय रक्षा मंत्रालय द्वारा भेजे जाएंगे।

भारतीय नौसेना ने गोताखोर सदस्यों के साथ अपनी 51 नौकाओं को तैनात किया है। वहीं 1000 लाईफ जैकेट और 1300 रबड़ के जूते केरल भेजा गया है। इसके साथ ही शुक्रवार को 1600 खाद्य पैकेट को विमान से नीचे गिराया गया था।

बयान के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने 23 हेलीकॉप्टर, 11 ट्रांसपोर्ट विमानों को तैनात किया है। थल सेना ने 10 टुकड़ियों, 10 इंजीनियरिंग टास्क फोर्स, 60 नौकाओं और 100 लाइफ जैकेट को सेवा पर लगाया है। एनडीआरएफ ने 43 राहत टीमों और 163 नौकाओं को अन्य सामग्रियों के साथ काम पर लगाया है।

केरल में बारिश के बाद हुई तबाही की अलग-अलग तस्वीरें सामने आ रही है। एर्नाकुलम में सड़कें नदियों में तब्दील हुई नज़र आ रही है। पानी घुटनों तक भरा हुआ है। भूस्खलन के कारण कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन ने प्रीमियम बस सेवा को बंद कर दिया है।

कोडागु में बाढ़ में कई घर जलमग्न हो गए।

नाव की मदद से बाढ़ में फंसे लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे दरिया में तब्दील हुई सड़कों पर नाव की मदद से बचाव अभियान चलाया जा रहा है।

भारी बारिश के कारण सड़क, रेल के साथ हवाई यातायात भी प्रभावित हुआ है। बारिश के बाद हुए भूस्खलन के बाड़ पत्थरों को हटाने का काम जारी है।

शुक्रवार को एक दर्जन से ज्यादा हेलीकॉप्टरों के जरिए सैकड़ों सुरक्षा कर्मियों, एनडीआरफ टीमों और मछुआरों ने अपनी मोटर बोटों के जरिए व्यापक बचाव अभियान शुरू किया गया।

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भारी बारिश, नदियों में बाढ़ की स्थिति और भूस्खलन की घटनाओं के कारण राज्य में लगभग 100 लोग जान गंवा चुके हैं। सड़कें दरिया में तब्दील हो चुकी है और निचले इलाकों में पानी भर जाने के कारण कई लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गए। पेरियार और इसकी सहायक नदियों में उफान से एनार्कुलम और त्रिशूर के कई कस्बे जलमग्न हो गए हैं। परावुर, कलाडी, चालाकुडी, पेरुं बवूर, मुवातुपुझा शामिल हैं। 

हजारों लोग अभी भी ऊंची इमारतों पर बैठे हैं और बचाए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अकेले एनार्कुलम और त्रिशूर शिविरों में 50,000 से अधिक लोग फंसे हैं।