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मवेशियों के खरीद-फरोख्त के कानून के खिलाफ केरल में 'बीफ फेस्ट'

केंद्र की मोदी सरकार ने जहां जानवरों की कटाई के लिए कड़े नियम बनाए हैं। वहीं इसके खिलाफ केरल में जमकर प्रदर्शन हुआ और सत्तारूढ़ दल ने बीफ फेस्ट का आयोजन किया।

Updated on: 27 May 2017, 10:08 PM

नई दिल्ली:

केंद्र की मोदी सरकार ने जहां जानवरों की कटाई के लिए कड़े नियम बनाए हैं। वहीं इसके खिलाफ केरल में जमकर प्रदर्शन हुआ और सत्तारूढ़ दल ने बीफ फेस्ट का आयोजन किया।

शनिवार को केरल में सत्तारूढ़ मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की अगुवाई वाली एलडीएफ, विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और उनके युवा प्रकोष्ठों ने मार्च निकाले और राज्यभर में बीफ फेस्ट का आयोजन किया।

केरल की राजधानी तिरूवनंतपुरम में सचिवालय के बाहर प्रदर्शनकारियों ने सड़क के किनारे गोमांस पकाया और उसे बांटा।

मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने इन नए नियमों की आलोचना करते हुए कहा है कि यह और कुछ नहीं, बल्कि आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के एजेंडे को आगे बढ़ाने की चाल है। उन्होंने कहा कि ये नियम व्यावहारिक नहीं हैं और इस संबंध में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेंगे।

वहीं, विपक्षी नेता और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रमेश चेन्निथला ने त्रिसूर में मीडिया से कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे से कानूनी और राजनीतिक दोनों तरीके से निपटेगी।

उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार लोगों के उस अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकती, जिसमें जनता के पास यह स्वतंत्रता है कि वह क्या खाए और क्या नहीं खाए। हम इस मुद्दे का कड़ाई से विरोध करेंगे।'

वहीं माकपा पोलित ब्यूरो ने एक बयान जारी कर कहा, 'पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वध के लिए पशु बिक्री पर रोक लगाने वाली अधिसूचना मोदी सरकार द्वारा देश की जनता पर आहार संहिता लागू करने के अपने सांप्रदायिक और बांटने वाले एजेंडा को कानूनी आड़ देने का बेहद घटिया प्रयास है।'

इस दौरान केरल में शनिवार को पशु कारोबारियों का व्यापार हमेशा की तरह चलता रहा और पलक्कड़ जिले के सबसे बड़े पशु बाजार कुझामंडम में सैंकड़ों गोवंश का कारोबार किया गया। राज्य में गोमांस की कीमत 280-300 रुपये प्रति किलोग्राम है।