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कर्नाटक चुनाव: सीपीएम, बीएसपी और AAP को नोटा से भी कम वोट मिले

बीजेपी, कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) (जेडीएस) के अलावा राज्य के चुनाव में हिस्सा लेने वाली कई ऐसी पार्टियां भी रहीं जिसे नोटा से भी कम वोट मिले हैं।

Updated on: 15 May 2018, 11:53 PM

बेंगलुरु:

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे भले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच सरकार बनाने के दावे के पेंच में फंस गई हो, लेकिन यह चुनाव कई मायनों में दिलचस्प रहा।

बीजेपी, कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) (जेडीएस) के अलावा राज्य के चुनाव में हिस्सा लेने वाली कई ऐसी पार्टियां भी रहीं जिसे नोटा से भी कम वोट मिले हैं।

बता दें कि कर्नाटक चुनाव में 0.9 फीसदी (3,22,829) मतदाताओं ने नोटा पर बटन दबाया था यानि वे किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को वोट देना उचित नहीं समझे।

लेकिन खास बात यह है कि चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम), आम आदमी पार्टी (आप), योगेंद्र यादव की स्वराज इंडिया और अन्य क्षेत्रीय पार्टियों को नोटा से भी बहुत कम वोट मिले हैं।

चुनाव में बीएसपी को 0.3 फीसदी (1,08,592), सीपीएम को 0.2 फीसदी (83,071), स्वराज इंडिया को 0.2 फीसदी (79,400), ऑल इंडिया महिला एमपावरमेंट पार्टी को 0.3 फीसदी (98,152) वोट मिले हैं।

वहीं आप ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन एक भी सीट पर उसे जीत नहीं मिली। स्वराज इंडिया ने राज्य के 11 सीटों और बीएसपी ने 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।

हालांकि बीएसपी ने एक सीट जीतकर दक्षिण राज्य में अपना खाता खोला है। बीएसपी के उम्मीदवार एन महेश ने कोलेगल सीट से जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार ए आर कृष्मामूर्ति को 19,500 वोटों से मात दी।

गौरतलब है कि राज्य में 104 सीटों पर जीत दर्ज कर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। लेकिन बहुमत तक नहीं पहुंच पाई। वहीं कांग्रेस को कुल 78 सीटों पर जीत मिली और जेडीएस को 37 सीटों पर जीत मिली।

कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन कर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया तो वहीं बीजेपी भी सरकार बनाने की कोशिश कर रही है।

इसके अलावा राज्य में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है इसके बावजूद पार्टी 78 सीटों पर सिमट कर रह गई। वहीं 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी बीजेपी का वोट प्रतिशत कांग्रेस से करीब दो फीसदी कम 36.2 फीसदी रहा।

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