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कर्नाटक में सिद्धरमैया ने खेला लिंगायत कार्ड, बीजेपी ने कहा आग से खेल रही है राज्य सरकार

कर्नाटक सरकार ने राज्य में लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने की सिफारिश को मंजूर कर लिया है।

Updated on: 21 Mar 2018, 01:31 PM

highlights

  • सिद्धारमैया की चुनावी चाल, लिंगायत समुदाय को अलग धर्म की मंजूरी
  • अब केंद्र सरकार इस पर लेगी आखिरी फैसला, आने वाले दिनों में कर्नाटक में होगा विधानसभा चुनाव

 

नई दिल्ली:

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सीएम सिद्धरमैया ने लिंगायत कार्ड खेला है। राज्य सरकार ने लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने की सिफारिश को मंजूर कर लिया है। बीजेपी ने राज्य सरकार के इस कदम को आग से खेलने जैसा करार दिया है।

गौरतलब है कि कर्नाटक में लिंगायत समुदाय बेहद प्रभावशाली माना जाता है और लंबे समय से इनका झुकाव बीजेपी की तरफ रहा है।

ऐसे में राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सिद्धरमैया लिंगायत समुदाय को इस सिफारिश के जरिए अपने पाले में करना चाहते हैं ताकि चुनाव में कांग्रेस को इसका फायदा मिल सके। हालांकि केंद्र की एनडीए सरकार भी विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस समुदाय को नाराज नहीं करना चाहेगी।

सिद्धरमैया के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए बीजेपी के कर्नाटक प्रभारी पी मुरलीधर ने कहा, 'कर्नाटक सरकार वोट बैंक राजनीति के लिए आग से खेल रही है।' उन्होंने कहा, 'सिद्धरमैया फूट डालो और राज करो की नीति पर काम कर रहे हैं।'

कर्नाटक में लंबे समय से लिंगायत समुदाय अलग धर्म की मान्यता देने की मांग कर रहा था। इस मांग के बाद राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस नागामोहन दास की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था।

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इसी समिति ने सरकार को अपनी सिफारिश दी थी जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसे हरी झंडी दे दी है।

राज्य सरकार से लिंगायत समुदाय को अलग धर्म की मंजूरी मिलने के बाद इस प्रस्ताव को अब केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील माने जाने वाले इस मामले पर आखिरी फैसला केंद्र सरकार ही लेगी।

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