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कर्नाटक निकाय चुनाव में येदियुरप्पा ने मानी हार, कहा- कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ने हराया

राज्य सरकार में गठबंधन में होने के बावजूद कांग्रेस और जेडीएस ने निकाय चुनाव अलग लड़ा था। हालांकि बाद में उन्होंने इस बात का ऐलान कर दिया था कि उनकी पार्टियां चुनाव नतीजों के बाद गठबंधन करेंगी।

Updated on: 03 Sep 2018, 11:42 PM

नई दिल्ली:

कर्नाटक निकाय चुनाव में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। निकाय चुनावों के कुल 2662 वार्डों में  कांग्रेस ने 982, बीजेपी ने 929 और जेडी (एस) ने 375 सीटों पर जीत दर्ज की है। इनके अलावा 329 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है, तो वही बीएसपी ने 13 वार्ड और अन्य के खाते में 34 सीटें आई हैं

राज्य सरकार में गठबंधन में होने के बावजूद कांग्रेस और जेडीएस ने निकाय चुनाव अलग लड़ा था। हालांकि बाद में उन्होंने इस बात का ऐलान कर दिया था कि उनकी पार्टियां चुनाव नतीजों के बाद गठबंधन करेंगी।

कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ने मिलकर 1,366 सीटें जीती हैं, जिसके साथ ही उन्होंने साफ तौर पर बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है। बता दें कि यह चुनाव कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के लिए अग्नि-परीक्षा माना जा रहा था।

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निकाय चुनावों के परिणाम से निराश कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि यह नतीजे उम्मीदों के अनुसार नहीं हैं। गठबंधन सरकार की वजह से उनकी पार्टी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई।

येदियुरप्पा ने कहा कि हमें यकीन है कि हमारी पार्टी के लिए लोकसभा चुनावों का परिणाम इससे काफी अलग होगा और बीजेपी बहुमत से जीतेगी।

वहीं निकाय चुनाव के परिणाम पर बोलते हुए पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने कहा कि हम सफल हुए हैं। जेडीएस और कांग्रेस बीजेपी को दूर रखने के लिए एक साथ काम करेगी।

कर्नाटक के मुथ्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि, आम तौर पर शहरी मतदाता बीजेपी को वोट करते हैं, लेकिन इस नतीजे से यह साबित हुआ है कि अब शहरी वोटर भी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को पूरा समर्थन दिया है।

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बता दें कि कर्नाटक निकाय चुनावों में कुल 8,340 उम्मीदवार मैदान में थे। शहरी निकाय चुनावों में कांग्रेस के 2,306 उम्मीदवार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 2,203 और जनता दल-सेकुलर (जेडी-एस) के 1,397 मैदान में थे। वहीं, 814 शहर निगमों में चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें कांग्रेस से 135, बीजेपी से 130 और जेडी-एस से 129 उम्मीदवार शामिल हैं।

इससे पहले साल 2013 में 4,976 सीटों पर शहरी निकाय चुनाव हुए थे। कांग्रेस ने 1,960 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी और जेडी-एस ने दोनों ने 905 सीटें जीती थीं और निर्दलियों ने 1,206 सीटें जीती थीं।