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कपिल मिश्रा ने कुमार विश्वास को लिखा ख़त, कहा- 'आप' में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ उठाएं आवाज़

कुमार विश्वास को ख़त लिखकर अरविन्द केजरीवाल के राज़ से पर्दा हटाने की अपील की है।

Updated on: 03 Nov 2017, 04:50 PM

नई दिल्ली:

आम आदमी के पूर्व नेता कपिल मिश्रा ने पार्टी के तेज़ तर्रार नेता कुमार विश्वास को ख़त लिखकर अरविन्द केजरीवाल के राज़ से पर्दा हटाने की अपील की है। उन्होंने ख़त लिखकर पार्टी के अंदर हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ़ आवाज़ उठाने की मांग की है।

कुमार विश्वास के नाम चिट्ठी लिखते हुए कपिल मिश्रा ने लिखा, कल आपने ट्वीट किया, "हम बोले तो क्या होगा", आपने मीडिया में भी कहा कि आपके बोलने से AAP में भी कुछ लोग है जो डरते हैं।

मिश्रा ने लिखा, 'इसका मतलब कुछ तो है जो आपको पता है और आप बोल नहीं रहे। क्या है वो राज और आप क्यों छिपाकर बैठे हो?'

बता दें कि गुरुवार को पार्टी की नेशनल काउंसिल की मीटिंग के वक्ताओं की लिस्ट में से पार्टी नेता कुमार विश्वास का नाम हटा दिया गया था। जिसके बाद नाराज़ कुमार विश्वास ने अरविन्द केजरीवाल पर निशाना साधते हुए ट्विटर पर लिखा- ख़ुशियों के बेदर्द लुटेरो, ग़म बोले तो क्या होगा।
ख़ामोशी से डरने वालो, 'हम' बोले तो क्या होगा..??

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कपिल मिश्रा ने कुमार विश्वास के नाम चिट्ठी लिखते हुए कहा,

आदरणीय कुमार भैया, कहाँ रुकें हो? क्यों फँसे हो? क्या दुविधा है? कैसी असमंजस? किस उम्मीद और किस आशा में ?

आज कुछ बातें खुल कर लिख रहा हूँ, थोड़ा लंबा पत्र है, पर पढ़ना जरूर।

कल आपने ट्वीट किया, "हम बोले तो क्या होगा", आपने मीडिया में भी कहा कि आपके बोलने से AAP में भी कुछ लोग है जो डरते हैं।
इसका मतलब कुछ तो है जो आपको पता है और आप बोल नहीं रहे। क्या है वो राज और आप क्यों छिपाकर बैठे हो?

क्या वो राज भ्रष्टाचार, हवाला, काले धन, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुये है? आपकी चुप्पी किसलिए ? देशधर्म से बड़ा तो कुछ नहीं होता।

मुझे याद है, पिछले साल 8 नवंबर को जब नोटबन्दी हुई, PM ने नोटबन्दी की घोषणा की उसके तुरंत बाद मैंने ट्वीट किया नोटबन्दी की तारीफ करते हुए।

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ट्वीट के 10 सेकंड के भीतर आपका कॉल आया कि ट्वीट डिलीट करो थोड़ी देर में बताता हूं क्यों? मैंने डिलीट कर दिया। फिर थोड़ी देर में आपने बताया कि केजरीवाल के यहां नोटबन्दी के बाद से एकदम सन्नाटा है और किसी को कोई भी रिएक्शन देने से मना कर दिया गया हैं।

आपने कहा कि शायद केजरीवाल कुछ लोंगो से पूछकर निर्णय लेंगे की नोटबन्दी पर क्या रिएक्शन देना है। लगभग तीन दिन तक पार्टी में किसी ने कोई रिएक्शन नहीं दिया। फिर निर्णय हुआ कि पार्टी नोटबन्दी का विरोध करेगी, सारे देश मे रैलियां होंगी, ममता बनर्जी दिल्ली आएंगी।

पूरे देश मे कई रैलियाँ हुई, जहां पार्टी का कोई जनाधार नहीं था वहां भी केजरीवाल की रैली हुई। दिल्ली तक में आजादपुर मंडी की रैली फ्लॉप हुई पर फिर भी की गई।
नोटबन्दी वाले दिन से लेकर और इन रैलियों के आयोजन तक केजरीवाल ने किन लोगों से बात करके विरोध करने का निर्णय लिया? अचानक इतनी रैलियों का पैसा कहां से आया? इस सबका सच आपको जरूर पता है। पर आप चुप हो।

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नोटबन्दी के दौरान GK (ग्रेटर कैलाश) में ED (प्रवर्तन निदेशालय) का छापा पड़ा, वहां पर गद्दों में, बाथरूम में, सोफे में सब जगह नोटों की गड्डियां मिली। जिस कंपनी पर ये छापा पड़ा उसी कंपनी के एक डायरेक्टर ने बनारस चुनाव में केजरीवाल के नॉमिनेशन से ठीक पहले हवाला के माध्यम 5 अप्रैल की रात 12 बजे 2 करोड़ रुपये पार्टी में दिए थे।

हवाला और काले धन का इससे बड़ा और क्या सबूत होगा। फिर भी आप चुप हो।

बनारस चुनाव लड़ने जाने का निर्णय, फंडिंग और उसमें UAE जैसे देशों से आये पैसों के बारे में आपको सबकुछ पता है।

ऐसा ही सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान हुआ, सबसे पहले केजरीवाल ने आपको कहा था, सेना के खिलाफ वीडियो बनाने के लिए, आपके मना कर देने पर फिर केजरीवाल ने वो वीडियो खुद बनाया। सर्जिकल स्ट्राइक के खिलाफ बोलने से पहले भी केजरीवाल ने कुछ बाहरी लोगों से राय ली थी।

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नोटबन्दी और सर्जिकल स्ट्राइक दोनो के खिलाफ अभियान चलाने से पहले केजरीवाल ने किन बाहरी लोगों से राय ली, इसका सच आपसे ज्यादा कौन जानता है। फिर भी आप चुप हो।

आज गोआ और पंजाब दोनो जगह जिन लोगों ने चुनाव लड़ा वो खुलकर बोल रहे है कि फंडिंग में भारी गड़बड़ी की गई। आप ओवरसीज फंडिंग के इंचार्ज थे, आपने खुद बताया कि पंजाब में पैसों का कोई हिसाब किताब नहीं रखा जा रहा, कहां से पैसा आ रहा है, नहीं पता। इतना कुछ हुआ, और फिर भी आप चुप हो।

पंजाब चुनाव से ठीक पहले लगभग 135 विदेश यात्राएं, कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इटली, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, कतर, रशिया से लेकर सिंगापुर, थाईलैंड, चीन, इंडोनेशिया तक। इन विदेश यात्राओं का पैसा किसने दिया? आपको कुछ नहीं मालूम?

दुर्गेश पाठक लगभग एक महीना जर्मनी में रुका रहा और चर्चा यहां तक है कि देश विरोधी और आतंकी समर्थकों ने पंजाब चुनाव में पैसा लगाया। बड़े जरनैल सिंह एक सभा मे खालिस्तान के नारे खुलेआम लगाते देखे गए कनाडा में। बाद में केजरीवाल पंजाब में एक आतंकवादी के घर में रुके भी।

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इसमे से कौन सी बात है जो आपको नहीं पता, फिर भी आप चुप हो। पंजाब के फार्म हाउसेस में दारू, लड़कियों और पैसों का जो खेल हुआ वो आपसे छिपा है क्या।

दिल्ली में शीला दीक्षित के खिलाफ एक भी जांच नहीं होने दी गयी और जो जांच मैंने करवाई उसका क्या हश्र किया गया ये भी आपको मालूम है। मजीठिया के खिलाफ सबूत होने की बड़ी बड़ी बातें बोली गयी पर आज केजरीवाल मजीठिया के खिलाफ एक भी सबूत देने को तैयार नहीं कि जांच हो सके।

उल्टा आम आदमी पार्टी के अपने नेता सदन को कोर्ट से ड्रग में मामले में नोटिस आया है। इतना सब होने पर भी आप चुप हो।

सत्येंद्र जैन की बेटी की फर्जी अपॉइंटमेंट हो या केजरीवाल के रिश्तेदार निकुंज अग्रवाल को नौकरी देने का मामला, आप चुप ही रहे। केजरीवाल के साढू को कैसे फर्जी पेमेंट की गई उसका हर डिटेल अब सार्वजनिक है।

सत्येंद्र जैन की फर्जी कंपनियों, कोलकाता ऑपरेटर्स के द्वारा हावला डीलिंग, सत्येंद्र जैन और उसकी बीवी के शेयर डिटेल्स, दिल्ली में ली गयी करोड़ो की बेनामी सम्पति इस सबकी जानकारी आपको है, क्योंकि आपने खुद सत्येंद्र जैन को बुलाकर इस संबंध में सवाल जवाब किये थे।

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सत्येंद्र जैन के सारे पेपर्स मैंने भी आप तक पहुंचाए। सब जानते हुए भी आप चुप हो। आज इन सब मामलो में प्राथमिक जांच के बाद ED और CBI FIR तक दर्ज कर चुकी है, पर आप चुप हो।

बवाना के उपचुनाव में मुसलमानों के वोट के लिए किस हद तक गिरा हुआ प्रचार किया गया , पर आप चुप हो।

दिल्ली नगर निगम चुनाव हो या इस वक्त चल रहे उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव, आप तक कार्यकर्ता लगातार सारी गड़बड़ियों की खबरें लाते रहे, पर आप सिर्फ चुप हो। एक एक करके हर आंदोलनकारी को बाहर निकाला जाता रहा पर आप सिर्फ देख रहे हो।

कल जिन कार्यकर्ताओं ने आपके पक्ष में बोला, उनका अब क्या होगा। आप तो चुप रहे पर वो अब नहीं छोड़े जाएंगे।

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मैं यह पत्र किसी आशा या उम्मीद से नहीं लिख रहा, सिर्फ इसलिए लिख रहा हूं कि आपके पास ये आखिरी मौका है, अपनी आत्मा, अपने संस्कारों, अपनी कुल परंपरा के अनुसार कदम उठाने के लिए।

आज भी अगर आप सत्य व धर्म के लिए नहीं खड़े हो पाए तो इतिहास आपको एक कायर व कमजोर व्यक्ति के तौर पर देखेगा।

आज अगर आप आगे आकर सच बोलते हो तो मैं और मेरे जैसे कई कार्यकर्ता आपके साथ आएंगे। आप आज भी नहीं साहस कर पाते तो हम फिर भी अपने स्वधर्म का पालन करेंगे।

मैंने और मेरे परिवार ने अनेक कष्टो का सामना किया, अपमानजनक भाषा से लेकर और हमलों तक सब झेला, पर आज भी लड़ रहे है । भरोसा है एक दिन इस लड़ाई में धर्म व सत्य की जीत होगी। आत्मा प्रसन्न है और हृदय संतुष्ट।

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आप सक्षम है, आपको हमारे जैसे कष्टो का सामना नहीं करना पड़ेगा। सिर्फ साहस करना है। दुविधा हो तो अपने पिताजी से एक बार पूछिये, इस समय आपका स्वधर्म क्या कहता है। निर्णय लीजिये।

कल शायद एक राज्यसभा आपको मिल भी जाये पर उसमे यश नहीं अपयश है।

भ्रष्टाचार पर, हवाला पर, काले धन पर, अनैतिक राजनीति पर, देश विरोधी गतिविधियों पर चुप्पी लगा जाना , ये कैसी राष्ट्रभक्ति है।
भारत माता के लिए, अपने स्वधर्म का पालन कीजिये। आपसे छोटा हूँ पर आपको आपका धर्म याद दिला रहा हूँ। माँ सरस्वती का आशीर्वाद भी है फिर डर कैसा।

मैं इस युद्ध से पीछे नहीं हटूंगा, आप साथ आएंगे तो बल मिलेगा, नहीं आएंगे तो भी लड़ेंगे और जीतेंगे।

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