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लोकतंत्र की रक्षा के लिए सराहे गए न्यायमूर्ति चेलमेश्वर

उन्होंने अपने काम के आखिरी दिन प्रधान न्यायाधीश के साथ पीठ साझा किया और वकीलों ने उनकी सराहना करते हुए कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए उन्होंने बेहतरीन काम किया है।

Updated on: 18 May 2018, 04:19 PM

नई दिल्ली:

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जे चेलमेश्वर का शुक्रवार को शीर्ष अदालत में आखिरी दिन है। उन्होंने अपने काम के आखिरी दिन प्रधान न्यायाधीश के साथ पीठ साझा किया और वकीलों ने उनकी सराहना करते हुए कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए उन्होंने बेहतरीन काम किया है।

जब पीठ की बैठक होने वाली थी, वकीलों ने न्यायमूर्ति चेलमेश्वर की तारीफ शुरू कर दी। वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता ने उनका यह कहते हुए आभार जताया कि उन्होंने "शीर्ष अदालत में अपने कार्यकाल के दौरान लोकतंत्र के आदर्शो को बरकरार रखा है।"

अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी न्यायपालिका में सेवा के लिए न्यायमूर्ति चेलमेश्वर की प्रशंसा की और कहा कि 'लोकंतत्र कायम रखने के लिए उन्होंने शानदार काम किया।'

वकील गोपाल शंकर नारायण ने न्यायमूर्ति चेलमेश्वर का वकीलों के प्रति खासकर बार के जूनियर सदस्यों के प्रति विशेष कृपा रखने के लिए आभार जताया और कहा कि जूनियर वकील हमेशा उन्हें याद रखेंगे।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने अपने हाथ जोड़ लिए और कहा, 'मेरी प्रतिक्रिया बस यही है।'

सर्वोच्च न्यायालय में यह रीति है कि कार्य के आखिरी दिन सेवानिवृत्त हो रहा न्यायाधीश अदालत संख्या एक में प्रधान न्यायाधीश के साथ पीठ साझा करता है।

प्रधान न्यायाधीश मिश्रा, न्यायमूर्ति चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ वाली पीठ शुक्रवार को करीब 15 मिनट बैठी। पीठ के पास 11 मामले सूचीबद्ध थे, जिनमें से 10 वैवाहिक विवादों से संबंधित स्थानानंतरण याचिकाएं थीं।

मामलों की सुनावई के दौरान अदालत वकीलों से भरी पड़ी थी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष मौजूद नहीं थे।

एससीबीए न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के लिए विदाई समारोह आयोजित करना चाहती थी, लेकिन उन्होंने निजी कारणों से एससीबीए के आग्रह को मना कर दिया।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर वैसे तो 22 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन उनके काम का आखिरी दिन शुक्रवार है, क्योंकि इसके बाद अदालत में ग्रीष्मावकाश हो जाएगा।

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