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जेठमलानी ने वजुभाई के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया

वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने बीजेपी को सरकार बनाने का आमंत्रण देने के कर्नाटक के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने अपने अधिकार का घोर दुरुपयोग किया है।

Updated on: 17 May 2018, 08:35 PM

नई दिल्ली:

कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता बी.एस. येदियुरप्पा को बहुमत से आठ सीट कम आने के बावजूद नई सरकार के गठन के लिए आमंत्रित करने से नाराज वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने जेठमलानी को शुक्रवार को संबंधित पीठ के समक्ष अपनी याचिका का उल्लेख करने के लिए कहा।

कानूनी लड़ाई लड़ने से सेवानिवृत्ति ले चुके जेठमालनी ने पीठ को बताया कि कर्नाटक के राज्यपाल का आदेश 'संवैधानिक शक्ति का पूरी तरह से दुरुपयोग है।'

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार मध्य रात्रि को हुई सुनवाई में येदियुरप्पा के राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।

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येदियुरप्पा ने कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार सुबह राजभवन में कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

हालांकि, कोर्ट ने उस पत्र की मांग की है, जो येदियुरप्पा ने कर्नाटक के राज्यपाल को खुद के बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने की सूचना देने के लिए लिखा था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि येदियुरप्पा का शपथ ग्रहण उसके समक्ष पेश मामले के अंतिम नतीजे के अधीन है। 

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