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आज नीतीश कुमार से मिलेंगे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, 2019 के राजनीतिक बिसात पर बनेगी बात ?

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनके स्वागत के लिए शहर को झंडे और बैनर से पाट रखा है।

Updated on: 12 Jul 2018, 09:42 AM

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह गुरुवार को बिहार की राजधानी पटना पहुंचेंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके स्वागत के लिए शहर को झंडे और बैनर से पाट रखा है।

संभवना जताई जा रही है कि बीजेपी के सत्ता में वापसी के बाद शाह की इस बिहार यात्रा के दौरान न केवल नीतीश के (जेडीयू) से सीट बंटवारे पर चर्चा होगी बल्कि लोकसभा चुनाव की रणनीतियों पर भी बातचीत होने की उम्मीद है।

नीतीश और शाह की मुलाकात को बिहार की राजनीति के लिए अहम माना जा रहा है। शाह के इस दौरे पर न सिर्फ सत्ता पक्ष के नेता नजर बनाए हुए हैं। बल्कि विपक्ष भी इन नेताओं के मुलाकात पर पैनी निगाह बनाए हुए हैं।

साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अमित शाह की यह पहली बिहार यात्रा है। उस समय जेडीयू बीजेपी से अलग होकर महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही थी लेकिन अब बीजेपी के साथ सरकार में है।

गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में जेडीयू अकेले चुनाव मैदान में उतरी थी और उसे मात्र दो सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था जबकि बीजेपी को बिहार की 40 में से 22 सीटें मिली थीं।

वहीं, सहयोगी दलों लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) को क्रमश: छह और तीन सीटें मिली थीं। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर आरएलएसपी ने भी अधिक सीट पर दावेदारी कर रखी है।

इधर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा कि सीट बंटवारा कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल सभी दलों के जब दिल मिल गए हैं, तो सीट भी समय आने पर बंट जाएगा।

इधर, विपक्ष भी शाह के दौरे पर पैनी नजर बनाए हुए है। गौरतलब है कि आरजेडी-आरएलएसपी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को कई मौके पर महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दे चुका है।

एनडीए के घटक दलों में सीट बंटवारे को लेकर संभावित झगड़े को लेकर राजद, कांग्रेस के नेता उत्साहित हैं। आरजेडी के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने भविष्यवाणी भी कर दी है कि एलजेपी और आरएलएसपी दोनों महागठबंधन में शामिल होने वाले हैं। बातचीत हो चुकी है।

हालांकि, रघुवंश के बयान को पासवान ने खारिज कर दिया है। ऐसे में तय है कि एनडीए में सीट बंटवारे के तय फॉमूर्ले से नाराज दल नए ठिकाने खोजेंगे।

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