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जम्मू-कश्मीर: हमले से बचने के लिये पत्थरबाजों को सेना ने बनाया ढाल

रमज़ान में सीज़फायर की केंद्र सरकार की घोषणा के बाद भी आतंकवाद कम नहीं हुआ, सेना ने एक बार फिर पत्थरबाज़ों से बचने के लिये उन्हें ही ढाल बनाया है।

Updated on: 19 Jun 2018, 01:57 PM

नई दिल्ली:

रमज़ान में सीज़फायर की केंद्र सरकार की घोषणा के बाद भी आतंकवाद कम नहीं हुआ, आतंकी गतिविधि और सेना पर हमले जारी रहे। ऐसे में सेना ने एक बार फिर पत्थरबाज़ों से बचने के लिये उन्हें ही ढाल बनाया है।

पत्थरबाज़ों को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने संबंधी एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। सेना ने ये फैसला तब लिया जब पम्पोर में सर्च ऑपरेशन के दौरान कुछ लोगों ने सेना की गाड़ी पर पत्थर बरसाए और भारत के खिलाफ नारे लगाए।

वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सेना ने चार युवकों को अपने पास बिठा रखा है और पीछे सेना का काफिला है। बैठाए गए युवकों का स्थानीय युवक वीडियो बना रहे हैं और सेना के जवानों के ललकार रहे हैं।

हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि ये वीडियो कितना सही है और जिन युवकों को बैठाया गया है वो पत्थरबाज़ हैं या नहीं।

इस वीडियो में जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ ही सीआरपीएफ के जवान भी दिख रहे हैं।

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पिछले साल भी सेना के मेजर लितुल गोगाई ने पत्थरबाजों के खिलाफ पत्थरबाज को ही जीप की बोनट पर बांध दिया था। ये तस्वीर भी वायरल हुई थी। श्रीनगर में बाई-इलेक्शन के दौरान बीड़वाह समेत कई इलाकों के वोटिंग बूथों पर हिंसा हुई थी। इसी दौरान मेजर लीतुल गोगोई ने पत्थरबाजी कर रहे लोगों की भीड़ से डार को पकड़कर जीप के आगे बांधने का ऑर्डर दिया था।

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