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कश्मीर: 2 सालों में 360 से ज्यादा मारे गए आतंकी, घटी है आतंकियों की उम्र

उन्होंने कहा, ' भले ही आंतकी संगठन में शामिल होने वाले लोगों की संख्या बढ़ी हो, पर ऐसे आतंकियों की उम्र बहुत कम है। वो ज्यादा दिन जी नहीं पाएंगे।'

Updated on: 09 Sep 2018, 06:17 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों के आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन के चलते एक चौंका देने वाला आंकड़ा सामने आया है। इन आंकड़ों के अनुसार कश्मीर घाटी में आतंकवादियों की 'अपनी उम्र' घटी है और पिछले 2 साल से भी कम वक्त में 360 से ज्यादा आतंकी ढेर किए गए हैं। सेन्ट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के डायरेक्टर जनरल राजीव राय भटनागर ने एक इंटरव्यू में यह बात कही।

इंटरव्यू के दौरान जब उनसे आतंकी संगठनों में स्थानीय युवाओं की बढ़ती संख्या को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ' भले ही आंतकी संगठन में शामिल होने वाले लोगों की संख्या बढ़ी हो, पर ऐसे आतंकियों की उम्र बहुत कम है। वो ज्यादा दिन जी नहीं पाएंगे।'

इंटरव्यू में भटनागर ने कहा, 'जम्मू और कश्मीर के आतंकियों में कुछ बाहरी हैं तो कुछ गुमराह युवा (स्थानीय) भी शामिल हैं।'

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उन्होंने कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि घाटी में आतंकी संगठनों में शामिल होने वाले युवाओं की तादाद बढ़ रही है लेकिन सुरक्षा बल युवाओं तक पहुंचने के लिए हर मुमकिन कदम उठा रहे हैं ताकि उन्हें हथियार उठाने से रोका जा सके।

भटनागर ने कहा कि स्थानीय युवा जो आतंकवादी संगठनों में शामिल हो रहे हैं उन्हें आतंकी गतिविधियों में बड़ा ग्लैमर दिखता है। युवाओं को यह समझने की जरूरत है कि इससे उन्हें कुछ हासिल नहीं होने वाला।

उन्होंने कहा, 'यह सिर्फ समय की बात है। हम बहुत प्रयास (उनके मुख्यधारा में लौटने) करते हैं और उनसे सरेंडर के लिए भी कहते हैं। उनमें से कुछ मुख्यधारा में लौटे भी हैं। उन्हें समझना होगा कि हथियार उठाने से कोई मकसद पूरा नहीं हो सकता।'

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भटनागर ने कहा कि सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों को देखते हुए सीआरपीएफ ने फुल बॉडी प्रटेक्टर, बुलेट प्रूफ गाड़ियों और विशेष बख्तरबंद गाड़ियों के जरिए जम्मू और कश्मीर में तैनात अपने जवानों की 'सुरक्षा का स्तर बढ़ाया' है। कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ को 60 हजार से ज्यादा सुरक्षाबल तैनात है।

सीआरपीएफ डीजी ने कहा कि उनकी फोर्स, राज्य पुलिस और सेना बहुत अच्छी तालमेल के साथ काम कर रही हैं।

उन्होंने कहा, 'हम एक यूनिट के रूप में काम करते हैं। इससे हमें काफी कामयाबी मिली है। इस साल 142 आतंकी ढेर किए गए हैं। अगर आप पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 220 से ज्यादा आतंकी मारे गए। सुरक्षा बलों के बीच जबरदस्त समन्वय है और आतंक के खिलाफ लड़ाई में इन्हें बढ़त हासिल है।'

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आतंकविरोधी अभियानों की सफलता का जिक्र करते हुए भटनागर ने कहा, 'उनके प्रमुख कमांडर ढेर किए जा रहे हैं। शिविरों पर फिदायीन हमलों पर प्रभावी तौर पर रोक लगी है, हम उन्हें कैंपों को निशाने बनाने से नाकाम किया है।'

उन्होंने कहा कि घाटी में लॉ ऐंड ऑर्डर की स्थिति देश के किसी अन्य राज्यों की तरह नहीं है क्योंकि वहां आतंकी 'हमला करो और भागो' जैसी गुरिल्ला वॉर की रणनीति अपना रहे हैं।