इराक ने कहा, लापता 39 भारतीय 'जिंदा हैं या मारे गये' पुख्ता जानकारी नहीं
इराक में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) की चंगुल में फंसे 39 भारतीय जिंदा हैं या उनकी मौत हो चुकी है, यह साफ नहीं हो सका है।
highlights
- इराक में लापता 39 भारतीयों पर इराक ने कहा, मेरे पास कोई सबूत नहीं है कि वो जिंदा हैं या मारे गये
- इराक के विदेश मंत्री इब्राहिम अल-जाफरी ने कहा, हम अपनी ओर से पूरी पड़ताल करेंगे
- पिछले दिनों विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था, सभी की मोसुल में एक जेल में कैद होने की आशंका है
नई दिल्ली:
इराक में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) की चंगुल में फंसे 39 भारतीय जिंदा हैं या उनकी मौत हो चुकी है, यह साफ नहीं हो सका है।
भारत दौरे पर आए इराक के विदेश मंत्री इब्राहिम अल-जाफरी सोमवार को कहा कि मेरे पास कोई सबूत नहीं है कि वो जिंदा हैं या मारे गये।
अल-जाफरी ने मीडिया से कहा, 'मैं 100 फीसदी निश्चित नहीं हूं कि मोसुल से लापता 39 भारतीय जीवित हैं।' हालांकि उन्होंने कहा, 'हम अपनी ओर से पूरी पड़ताल करेंगे।'
भारत दौरे पर आए इब्राहिम अल-जाफरी भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ लापता भारतीयों पर चर्चा करेंगे।
सुषमा ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि इराक में लापता 39 भारतीयों के हाल ही में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के कब्जे से आजाद कराए गए मोसुल में एक जेल में कैद होने की आशंका है। मोसुल से लापता 39 भारतीयों में अधिकतर पंजाब से हैं।
We will do our best in order to find those 39: Foreign Minister of Iraq, Ibrahim al-Jaafari on 39 missing Indians pic.twitter.com/W37Xx52Dwu
— ANI (@ANI_news) July 24, 2017
सुषमा ने कहा था कि नौ जुलाई को मोसुल की आईएस से आजादी के बाद लापता भारतीयों की तलाश और रिहाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा था कि मूलत: पंजाब के रहने वाले इन 39 लापता भारतीयों के बादुश में एक जेल में कैद होने की आशंका है।
मामले की पड़ताल के लिए विदेश राज्यमंत्री वी. के. सिंह को इरबिल भी भेजा गया था।
वी. के. सिंह लापता भारतीयों के बारे में जानकारी जुटाने 12 जुलाई को मोसुल के पेशमर्गा मोर्चे भी गए थे। सिंह ने बताया था कि पेशमर्गा से अभी भी आईएस आतंकियों को खदेड़ा जा रहा है। उन्होंने वहां इराक के विदेश मंत्री से भी मुलाकात की थी।
समाचार पत्र 'हिंदुस्तान टाइम्स' की एक रिपोर्ट में हालांकि कहा गया था कि बादुश की जेल पूरी तरह ढह चुकी है और वहां किसी भारतीय के होने का कोई संकेत नहीं है।
सुषमा स्वराज भारतीय नागरिकों के जून, 2014 में लापता होने के बाद से उनके परिजनों से 10 से अधिक बार मिल चुकी हैं और आश्वासन देती रही हैं कि सरकार उनकी तलाश के लिए हर कदम उठा रही है। सुषमा ने यह भी कहा है कि उन्हें कई महीनों से लगातार ऐसी सूचनाएं मिली हैं कि लापता भारतीय नागरिक जीवित हैं।
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