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भूख की सूची में भारत का स्थान 100वां, बांग्लादेश और नेपाल से भी पीछे

पिछले वर्ष भारत भूख के सूचकांक में 97वें स्थान पर था।

Updated on: 13 Oct 2017, 03:55 AM

नई दिल्ली:

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में भूख एक गंभीर समस्या है और 119 देशों के वैश्विक भूख सूचकांक में भारत 100वें पायदान पर है।

खुद को संपन्न और विकास की पटरी पर सरपट भागने बताने वाला भारत नेपाल, उत्तर कोरिया और बांग्लादेश जैसे देशों से भी पीछे है। हालांकि भारत पाकिस्तान से ज़रूर आगे हैं।

इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईएफपीआरआई) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बच्चों में कुपोषण की उच्च दर से देश में भूख का स्तर इतना गंभीर है और सामाजिक क्षेत्र को इसके प्रति मजबूत प्रतिबद्धता दिखाने की जरूरत है।

पिछले वर्ष भारत इस सूचकांक में 97वें स्थान पर था।

आईएफपीआरआई ने एक बयान में कहा, '119 देशों में भारत 100वें स्थान पर है और समूचे एशिया में सिर्फ अफगानिस्तान और पाकिस्तान उससे पीछे हैं।'

उन्होंने कहा, ''31.4 के साथ भारत का 2017 का जीएचआई (वैश्विक भूख सूचकांक) अंक ऊंचाई की तरह है और 'गंभीर' श्रेणी में है। यह उन मुख्य कारकों में से एक है जिसकी वजह से दक्षिण एशिया इस साल जीएचआई में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में से एक है।''

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इस रिपोर्ट में दुनिया भर के 119 देशों के आंकड़ों में भारी अंतर हैं। 9.9 अंक या इससे कम अंक कम भूख को दर्शाते हैं जबकि 35.0 और 49.9 अंक भूख की खतरनाक स्थिति को दर्शाते हैं जबकि 20-34.9 अंक का अर्थ यह हुआ कि भूख की समस्या बेहद 'गंभीर' है।

वेल्ट हंगर हिल्फे की कंट्री डायरेक्टर (भारत) निवेदिता वाष्र्णेय का कहना है, 'जीएचआई आंकड़ा गंभीर श्रेणी में है और यह स्पष्ट है कि जीडीपी की ऊंची वृद्धि दर देश में लोगों को खाद्य और पोषण सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकती है।'

रिपोर्ट के मुताबिक भारत चीन (29), नेपाल (72), म्यामां (77), श्रीलंका (84) और बांग्लादेश (88) से भी पीछे है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान इस सूची में क्रमश: 106वें और 107वें स्थान पर हैं।

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