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चीन को पछाड़ कर भारत बना सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था वाला देश: हॉवर्ड सर्वे

हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (सीआईडी) के शोध के मुताबिक भारत विश्व के टॉप 10 बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देश में शुमार हो गया है।

Updated on: 09 Jul 2017, 09:27 PM

highlights

  • चीन को पछाड़कर भारत बना सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था वाला देश
  • 2025 तक औसत जीडीपी 7.7 फीसदी होने का अनुमान
  • हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के शोध में किया गया दावा

नई दिल्ली:

भारत एशिया में सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। चीन को पीछे छोड़कर कर भारत अब निवेश के लिए निवेशकों की पसंद बनकर उभरा है। ये दावा प्रतिष्ठित हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के एक शोध में किया गया है।

हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (सीआईडी) के शोध के मुताबिक भारत विश्व के टॉप 10 बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देश में शुमार हो गया है। इतना ही नहीं शोध में ये भी दावा किया गया है एशियाई क्षेत्र में साल 2025 तक भारत का औसत आर्थिक विकास दर जीडीपी 7.7 फीसदी तक पहुंच जाएगा।

शोध के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था के बड़े स्तंभों में शुमार भारत के प्रति बीते कुछ सालों में निवेशकों का झुकाव चीन के मुकाबले ज्यादा बढ़ा है जो आनेवाले दशक में भी जारी रहेगा।

रिसर्च में बताया गया है कि भारत के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ने का सबसे बड़ा कारण यहां विकास की अपार संभावनाएं हैं। क्षेत्रों की विविधता और लोगों की क्षमताओं की वजह अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलने की संभावना है।

हॉवर्ड के शोध में केमिकल, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे अहम और भारी क्षेत्रों में लगातार काम और इनके निर्यात को बढ़ावा देना भारतीय अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने का मुख्य कारण बताया गया है।

भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ने का दूसरा कारण शोध में ये बताया गया है कि कच्चा तेल पर जिन देशों की अर्थव्यवस्था आधारित है उन देशों को लगातार नुकसान का सामना करना पड़ा रहा है। जबकि इसके विपरीत भारत, इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे देशों की अर्थव्यवस्था तेल आधारित ना होकर अलग-अलग चीजों पर निर्भर करती है जिससे इनको आगे बढ़ने में मदद मिल रही है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक भारत, तुर्की, इंडोनेशिया, युगांडा और बुल्गारिया जैसे देशों में राजनीतिक, संस्थागत, भौगोलिक और जनसंख्या आधारित हालात अलग-अलग हैं जिसकी वजह से इन्हें आगे बढ़ने में मदद मिलती है। इसके उलट जिन देशों में अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए एक जैसे आधार और पैटर्न हैं वहां की अर्थव्यवस्था को नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि वहां स्थिरता आ चुकी है।

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सीआईडी के शोध में संभावित विकास के कारकों का अनुमान लगाते हुए बताया गया है कि क्षमताओं का विस्तार करना अर्थव्यवस्था के आगे बढ़ने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है जिसपर भारत, इंडोनेशिया जैसे देशों में लगातार काम हो रहा है। नए प्रोडक्ट्स पर काम करना और उत्पादन को बढ़ाने पर लगातार फोकस करना भी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में सहायक हो सकता है।

हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (अंतरराष्ट्रीय विकास केंद्र) वैश्विक स्तर पर आने वाली चुनौतियों, विकास की संभावनाओं और गरीबी को कम करने के तरीकों पर शोध करती है।

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