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भारत ने वियतनाम को ब्रह्मोस मिसाइल बेचने संबंधी रिपोर्ट का किया खंडन

दरअसल, कुछ दिनों पहले भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल की सप्लाई के लिये वियतनाम से बात की थी। फरवरी में भी लोकसभा में पूछे सवाल पर सरकार की ओर से इस बारे में जवाब आया था।

Updated on: 19 Aug 2017, 12:05 AM

highlights

  • मीडिया रिपोर्ट में ब्रह्मोस को वियतनाम को बेचे जाने पर सरकार की सफाई
  • वियतनाम ने साफ तौर पर नहीं किया है इंकार
  • सरकार ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में मिसाइल बेचने के लिए हुई बातचीत का किया था उल्लेख

नई दिल्ली:

भारत ने शुक्रवार को उन खबरों खारिज कर दिया जिसमें कहा गया है कि वह एंटी-शिप क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की आपूर्ति वियतनाम को कर रहा है।

विदेश विभाग के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वियतनाम का विदेश मंत्रालय पहले ही इस रिपोर्ट को गलत बताते हुए खारिज कर चुका है।

रवीश ने कहा, 'मैं यही कहने की कोशिश कर रहा हूं कि यह गलत है। जिस व्यक्ति का उल्लेख किया गया है, मंत्रालय ने पहले ही इसे खारिज कर दिया है और वे कह रहे हैं कि जो खबर चल रही है वह गलत है।'

हालांकि, वियतनाम के विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज नहीं किया है। दरअसल जब इस बारे में वियतनाम से पूछा गया था तब वहां के प्रवक्ता ने कहा था-' वियतनाम-भारत के रिश्ते अ​र्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश, संस्कृति, शिक्षा, सुरक्षा और रक्षा समेत अनेक क्षेत्रों में तेजी से विकसित हो रहे है।

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प्रवक्ता ने कहा, 'यह द्विपक्षीय रिश्ता क्षेत्र में और दुनिया में शांति, स्थिरता, सहयोग और विकास में अहम योगदान दे रहा है।'

साथ ही वियतनाम के प्रवक्ता ने कहा, 'रक्षा उपकरणों की खरीद शांति और आत्मरक्षा की नीति के अनुरूप है और राष्ट्रीय रक्षा में सामान्य है। हम आपके सवालों को संबंधित एजेंसी के पास भेजेंगे।'

दूसरी ओर, रक्षा मंत्रालय से इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं आई है।

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दरअसल, कुछ दिनों पहले भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल की सप्लाई के लिये वियतनाम से बात की थी। फरवरी में भी लोकसभा में पूछे सवाल पर सरकार की ओर से जवाब आया था कि आकाश और ब्रह्मोस मिसाइल बेचने की योजना पर भारत दक्षिण पूर्व एशियाई देश से बातचीत कर रहा है।

ब्रह्मोस को वियतनाम को दिए जाने संबंधी खबरें इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उसके चीन से कुछ क्षेत्रों को लेकर विवाद हैं। ऐसे में वियतनाम की हमेशा से सुपरसोनिक मिसाइल हासिल करने की कोशिश रही है। ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस ने संयुक्त रूप से विकसित किया था।

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