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ओपेक की तरह तेल खरीदने वाले देशों का समूह बनाने का भारत ने चीन को दिया प्रस्ताव

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेलों की बढ़ती कीमतों और तेल उत्पादक देशों के गुट ओपेक की दाम में मनमानी को लेकर भारत ने चीन के साथ मिलकर तेल खरीददारी करने वाले देशों का क्लब बनाने पर चर्चा की है।

Updated on: 13 Jun 2018, 11:58 PM

नई दिल्ली:

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेलों की बढ़ती कीमतों और तेल उत्पादक देशों के गुट ओपेक की दाम में मनमानी को लेकर भारत ने चीन के साथ मिलकर तेल खरीददारी करने वाले देशों का क्लब बनाने पर चर्चा की है।

भारत ने क्लब बनाने पर इसलिए जोर दिया है ताकि बाजार में तेल उत्पादक देशों के दबदबे के खिलाफ आयात करने वाले देशों का समूह भी मजबूत स्थिति में हो जिससे दामों को लेकर सही तरीके से मोलभाव हो सके। इस क्लब के जरिए भारत अधिक से अधिक मात्रा में कच्चे तेल की आपूर्ति को भी सुनिश्चित करना चाहता है।

भारत की तरफ से पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बीते अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच (आईईएफ) की बैठक में ऐसे क्लब के गठन का प्रस्ताव दिया था।

इसी सिलसिले में भारतीय तेल निगम के चेयरमैन संजीव सिंह ने चीन का दौरा किया था और वहां चाइना नैशनल प्रेट्रोलियम कॉर्प (सीएनपीसी) के चेयरमैन वांग यिलिन से इस पर चर्चा की थी।

बैठक में एशिया में क्रूड ऑयल की आपूर्ति के लिए अमेरिका से आपूर्ति की संरचना जोर दिा गया ताकि करीब 60 फीसदी कच्चा तेल की आपूर्ति करने वाले आपेक देशों का दबदबा कम किया जा सके।

सूत्रों के मुताबिक आईईएफ की बैठक में तेल उत्पादक देशों के गुट से बेहतर मोल-भाव की स्थिति बनाने के लिए भारत और चीन दोनों सहमत हुए थे।

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संजीव सिंह की चीन यात्रा इस प्रस्ताव को बेहतर तालमेल के साथ आगे बढ़ाना था। बैठक में तेल के संयुक्त आयात और एशियाई प्रीमियम को कम करने के लिए साझे मोलभाव की संभावना पर भी गंभीरता से विचार किया गया।

इस क्लब में जापान और दक्षिण कोरिया को भी शामिल होने की पेशकश की जाएगी। सीएनपीसी और उसकी सहयोगी कंपनियां तीसरे देशों में अपने तेल क्षेत्र से उत्पादित कच्चा तेल विदेश बाजारों में बेचती है।

गौरतलब है कि तेल खरीदने वालों देशों को एक साथ लाने की भारत की यह तीसरी कोशिश है और भारत सीधे चीनी तेल कंपनियों से भी कच्चा तेल खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।

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