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सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी, 552 करोड़ का चेक बाउंस हुआ तो भुगतने होंगे परिणाम

कोर्ट ने उन्हें ईडी को 552.21 करोड़ रुपये चुकाने के लिए और समय देने से इनकार कर दिया है

Updated on: 05 Jul 2017, 10:48 PM

highlights

  • सुब्रत रॉय की बढ़ी मुश्किलें, 552 करोड़ नहीं देने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी
  • 15 जुलाई तक सहारा को देने हैं 552 करोड़ रुपये

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट से सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को करारा झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हें ईडी को 552.21 करोड़ रुपये चुकाने के लिए और समय देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने सहारा को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर तय राशि सही समय पर ईडी के खाते में नहीं पहुंचा या चेक बाउंस हुआ तो सुब्रत रॉय को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति राजन गोगोई और न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी की पीठ ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (ईडी) को सहारा से मिले चेक को कैश करने के लिए 15 जुलाई को ही भेजने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा अगर चेक बाउंस हुए तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

सुप्रीम कोर्ट आदेश को पूरा नहीं करने पर रॉय अवमानना का सामना कर रहे हैं। सहारा ने अदालत से गुजारिश की थी कि उन्हें रकम इकट्ठा करने के लिए 15 अगस्त तक का वक्त दिया जाए जिससे कोर्ट ने इनकार कर दिया।

अदालत को बुधवार को सूचना दी गई कि सहारा समूह ने 710.22 करोड़ रुपये जमा करवा दिए हैं। इससे पहले सहारा ने 790.18 करोड़ रुपये जमा कराए थे। सहारा के वकील कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने पीठ को कहा कि नोटबंदी के बाद सहारा को अपनी संपत्तियों को बेचने में परेशानी हो रही है, इसलिए रकम जमा कराने के लिए और वक्त दिया जाए।

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इस पर अदालत ने कहा, 'सवाल यह नहीं है कि आपने कितना जमा कराया है, बल्कि सवाल यह है कि कितना जमा कराना है।' सिब्बल रॉय के वकील हैं, जबकि रोहतगी सहारा हाउसिंग फाइनेंश कॉरपोरेशन लिमिटेड और एंबी वैली की तरफ से मुकदमा लड़ रहे हैं।

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