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आधार पर SC का सवाल- कंपनियों को दे सकते हैं जानकारी तो सरकार को क्यों नही?

दीवान की दलील पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'आप फोन खरीदते वक्त भी अपनी निजी जानकारी फोन बेचने वाली एजेंसी से साझा करते हैं, फिर सरकार से जानकारी साझा करने में क्या दिक्कत है?

Updated on: 19 Jan 2018, 09:10 AM

नई दिल्ली:

आधार स्कीम की वैधता को लेकर आज तीसरे दिन भी संवैधानिक पीठ में सुनवाई जारी रहेगी।

गुरुवार को आधार की अनिवार्यता के खिलाफ दलील देते हुए याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने कहा कि आधार की पूरी प्रकिया में खामियां है, सरकार देश के किसी नागरिक को बायोमेट्रिक जानकारी किस प्राइवेट एजेंसी को देने के लिए कैसे बाध्य कर सकती है?

दीवान की दलील पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'आप फोन खरीदते वक्त भी अपनी निजी जानकारी फोन बेचने वाली एजेंसी से साझा करते हैं, फिर सरकार से जानकारी साझा करने में क्या दिक्कत है?

दीवान ने कहा, 'एनरॉलमेंट फॉर्म मे इसका जिक्र नहीं है कि आधार कार्ड ऐच्छिक है। आज स्थिति ये है कि बिना आधार कार्ड के आप म्यूचअल फंड में निवेश नहीं करते। बीमा नहीं खरीद सकते।'

उन्होंने कहा, 'रजिस्ट्रार ऐसे लोगों को पंजीकरण के काम पर रखते हैं, जो बारहवीं पढ़े हैं। एक क्रिकेटर का भी निजी डेटा लीक हो चुका है। मीडिया में ऐसे स्टिंग ऑपरेशन सामने आए हैं, जहां पैसे देकर लोगों की अहम जानकारी जुटाने का दावा किया गया है।'

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आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आधार की अनिवार्यता को लेकर सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है। जिसपर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच सुनवाई कर रही है। 

याचिकाकर्ताओं ने आधार को निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताया है। वहीं सरकार का दावा है कि आधार से किसी की निजता का उल्लंघन नहीं होगा।

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