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जानलेवा रहा इस साल का मॉनसून, 1400 लोगों की गई जान: गृह मंत्रालय

वहीं गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया है कि इस वर्ष मॉनसून के मौसम में अब तक 10 राज्यों में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 1400 से ज्यादा लोगों की जान चली गई।

Updated on: 03 Sep 2018, 08:50 PM

नई दिल्ली:

इस साल देश भर में मॉनसून का कहर देखने को मिला। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में बाढ़ से होने वाली मौतों में 20 फीसदी भारत में होती है। इस बार पिछले 100 बरस के इतिहास में सबसे बड़ी तबाही केरल में हुई है। गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में केवल 2018 में अब तक बाढ़ और इसके हादसों में कम से कम 1000 लोगों की जान जा चुकी है।

वहीं गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया है कि इस वर्ष मॉनसून के मौसम में अब तक 10 राज्यों में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 1400 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इनमें केरल में जान गंवाने वाले 488 लोग शामिल हैं।

गृह मंत्रालय के नेशनल इमर्जेंसी रिस्पांस सेंटर (एनईआरसी) के 13 अगस्त तक के आंकड़ों के मुताबिक, बाढ़ और बारिश से केरल में 187, उप्र में 171, पश्चिम बंगाल में 170 और महाराष्ट्र में 139, गुजरात में 52, असम में 45 और नगालैंड में 8 लोगों की लोगों की जान गई, जबकि कई लापता हैं।

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मंत्रालय के राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया केंद्र (एनईआरसी) के मुताबिक, केरल में बारिश और बाढ़ की वजह से 488 लोगों की मौत हो गई और राज्य के 14 जिलों में करीब 54.11 लाख लोग प्रभावित हुए।

केरल में यह पिछली एक सदी की सबसे खराब स्थिति थी। राज्य भर में बाढ़ से लगभग 14.52 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। इन लोगों को फिलहाल राहत शिविरों में रखा गया है। इस दक्षिणी राज्य में 57,024 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर लगी फसल बर्बाद हो गई।

वहीं महाराष्ट्र के 26, असम के 23, प. बंगाल के 22, केरल के 14 उप्र के 12 नगालैंड के 11 और गुजरात के 10 जिले ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उत्तराखंड, मप्र, हिमाचल के कई इलाकों का बुरा हाल है।

एनईआरसी के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में 254, पश्चिम बंगाल में 210, कर्नाटक में 170, महाराष्ट्र में 139, गुजरात में 52, असम में 50, उत्तराखंड में 37, ओडिशा में 29 और नगालैंड में 11 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान इन राज्यों में 43 लोग लापता हो गये।

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केरल में 15, उत्तर प्रदेश में 14, पश्चिम बंगाल में पांच, उत्तराखंड में छह और कर्नाटक में तीन लोग लापता हो गये, जबकि इन 10 राज्यों में बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 386 लोग घायल हो गये। ओडिशा में 30 जिले, महाराष्ट्र में 26 जिले, असम में 25, उत्तर प्रदेश में 23, पश्चिम बंगाल में 23, केरल में 14, उत्तराखंड में 13, कर्नाटक में 11, नगालैंड में 11 और गुजरात में 10 जिले बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुये।

असम में, करीब 11.47 लाख लोग बारिश और बाढ़ की चपेट में आये, जबकि राज्य की 27,964 हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल बर्बाद हो गई।

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वहीं पश्चिम बंगाल में बारिश और बाढ़ से 2.28 लाख लोग प्रभावित हुए और राज्य की 48,552 हेक्टेयर जमीन पर लगी फसलें बर्बाद हो गईं। उत्तर प्रदेश में, बाढ़ से करीब 3.42 लाख लोग प्रभावित हुए और 50,873 हेक्टेयर भूमि पर लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है।

कर्नाटक में लगभग 3.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए और राज्य के 3,521 हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल बर्बाद हो गई।