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अमेरिकन कांग्रेस का दावा, हिंदू राष्ट्रवाद का उदय भारत की धर्मनिरपेक्षता को पहुंचा रहा है नुकसान

हाल के दशकों में हिन्दू राष्ट्रवाद भारत में उभरती राजनीतिक शक्ति रही है. अमेरिकन कांग्रेस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिन्दू राष्ट्रवाद का उदय भारत की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को ‘नुकसान’ पहुंचा रहा है.

Updated on: 14 Sep 2018, 07:10 PM

नई दिल्ली:

हाल के दशकों में हिन्दू राष्ट्रवाद भारत में उभरती राजनीतिक शक्ति रही है. अमेरिकन कांग्रेस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिन्दू राष्ट्रवाद का उदय भारत की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को ‘नुकसान’ पहुंचा रहा है. रिपोर्ट में देश में बढ़ रही हिंसा की घटनाओं के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को जिम्मेदार ठहराया गया है.

अमेरिकन कांग्रेस की स्वतंत्र और द्विदलीय रिसर्च विंग कांग्रेस रिसर्च सर्विस (सीआरएस) ने अपनी रिपोर्ट में कथित धार्मिक रूप से प्रेरित दमन और हिंसा के विशिष्ट क्षेत्रों का उल्लेख किया. रिपोर्ट में धर्म परिवर्तन के विरुद्ध राज्य स्तरीय कानून, गौ-रक्षा दल, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले को भारत की धर्मनिरपेक्ष परंपराओं के लिए नुकसान पहुंचाने वाला बताया गया है.

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गौरतलब है कि सीआरएस की रिपोर्ट यूएस कांग्रेस की आधिकारिक रिपोर्ट है और यह कांग्रेस के किसी सदस्य के विचार को प्रकट नहीं करती है. सांसदों के निर्णय लेने के लिए रिपोर्ट को स्वतंत्र विशेषज्ञों से तैयार कराया जाता है.

रिपोर्ट के शीर्षक 'भारत: धार्मिक आजादी का मुद्दा' में बताया गया है, 'संविधान द्वारा धार्मिक स्वतंत्रता को सुरक्षित किया गया है. देश की जनसंख्या में हिन्दुओं का बहुमत (पांच में से लगभग चौथाई हिस्सा) है. हाल के दशकों में हिन्दू राष्ट्रवाद भारत में उभरती राजनीतिक शक्ति रही है, कई तत्व भारत की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे हैं,और देश की धार्मिक स्वतंत्रता को नए हमलों की तरफ अग्रसर कर रहे हैं.'

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दक्षिण एशियाई विशेषज्ञ एलन क्रोनस्टेड से तैयार की गई यह रिपोर्ट 6 सितंबर को भारत-अमेरिकी के बीच हुई 2+2 वार्ता से पहले अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों के लिए तैयार की गई थी. कांग्रेस के कई सदस्यों ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो से आग्रह कि था कि वह 2+2 वार्ता के दौरान भारतीय नेताओं के सामने धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को उठाएं.
20 से अधिक पन्नों वाली रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि भारत के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बहुसंख्यक हिंसा की बढ़ती घटनाओं के लिए मौन एवं प्रत्यक्ष दोनों स्वीकृति प्रदान करते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 में बीजेपी की जीत के बाद भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर ध्यान गया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी इसके बाद कई राज्यों में जीत दर्ज करने के लिए आगे बढ़ी है जिनमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है जहां कि कुल आबादी 20 करोड़ से अधिक है, जिनमें से लगभग पांचवा हिस्सा मुस्लिमों का है. सीआरएस रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘दुर्व्यवहार’ ने भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव पैदा किया है.

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