हिमाचल चुनाव 2017: वीरभद्र नहीं हारे अब तक कोई चुनाव, धूमल भी हैं रण में तैयार
हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को 68 विधानसभाओं पर एक साथ वोटिंग होने जा रही है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां अपना पूरा जोर आजमाइश कर चुकी हैं।
नई दिल्ली:
हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को 68 विधानसभाओं पर एक साथ वोटिंग होने जा रही है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां अपना पूरा जोर आजमाइश कर चुकी हैं। जहां कांग्रेस से दिग्गज नेता और वर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह मैदान में हैं वहीं बीजेपी ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को अपना चेहरा बनाया है।
वीरभद्र सिंह पूरे हिमाचल के लिए बहुत ही जाना माना नाम हैं वहीं धूमल की ख्याति भी कहीं से कम नहीं है। दोनों के बेटे भी राजनीति में अपनी पार्टी और अपने राजनीतिक करियर के लिए मैदान में संघर्ष कर रहे हैं।
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यहां पढ़िए हिमाचल चुनाव में हाथ आजमाने वाले दोनों राजनेताओं के बारे में...
वीरभद्र सिंह
> 23 जून 1934 को हिमाचल प्रदेश के सराहन में जन्मे वीरभद्र सिंह सबसे लंबे समय तक हिमाचल में मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहे हैं। उन्होंने अब तक कुल मिलाकर 8 बार चुनाव जीता है और 6 बार मुख्यमंत्री बने हैं।
> वीरभद्र सिंह को मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में 2009 में केंद्रीय इस्पात मंत्री बनाया गया था। इसके बाद उन्हें जनवरी 2011 में लघु और मझोले उद्योग मंत्री बनाया गया था।
> बता दें कि वीरभद्र सिंह की खासियत अबतक यह रही है कि अपने पूरे राजनीतिक करियर में सिंह ने एक भी चुनाव में हार का सामना नहीं किया है।
> देश की सबसे प्रभावी प्रधानमंत्री मानीं जाने वाली इंदिरा गांधी सरकार में भी 1982 से 1983 के बीच उद्योग राज्यमंत्री भी बनाए गए हैं। इससे पहले 1976 से 1977 तक इंदिरा गांधी की सरकार में ही नागरिक उड्डयन और पर्यटन राज्यमंत्री बनाए गए थे।
> पिछले लंबे वक्त से वीरभद्र सिंह पर कई भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। इस बार सिंह सोलन जिले के अर्की विधानसभा सीट से मैदान में हैं। उनके खिलाफ बीजेपी से रतन पाल सिंह चुनावी मैदान में हैं।
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प्रेम कुमार धूमल
> विधानसभा चुनाव में बीजेपी का नेतृत्व कर रहे प्रेम कुमार धूमल का जन्म 10 अप्रैल 1944 को प्रदेश के हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में हुआ था। धूमल इसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते थें, लेकिन इस बार बीजेपी ने उन्हें सुजानपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
> धूमल ने 2012 में हुए चुनावों में हमीरपुर से चुनाव लड़ा था, इसके पहले वे हमीरपुर के पास ही बामसन सीट से 3 बार चुनावी मैदान में दम दिखा चुके हैं।
> 1984 में धूमल ने लोकसभा चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, इसके बाद उन्होंने 1989 में फिर चुनाव में दांव आजमाया और जीत हासिल की। प्रेम कुमार धूमल वर्ष 1991 में हमीरपुर लोकसभा सीट से जीते और बीजेपी की हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष बनाए गए। इसके बाद 1996 के लोकसभा में वो फिर हारे थे।
> राजनीति में धूमल ने फिर से 1998 में फिर विधानसभा में चुना लड़ा था, वह बामसन क्षेत्र से जीतकर प्रदेश में बीजेपी और हिमाचल विकास कांग्रेस गठबंधन की सरकार में मार्च 1998 से मार्च 2003 तक मुख्यमंत्री रहे थे।
> इसके बाद फिर से धूमल दिसंबर 2007 से दिसंबर 2012 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
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