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जम्मू-कश्मीर के लोग असहाय है पर निराशावादी नहीं: महबूूबा मुफ्ती

जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनके राज्य के लोगों में असहाय भले ही महसूस करते हों पर निराशावादी नहीं है।

Updated on: 16 Dec 2017, 06:21 AM

highlights

  • मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग निराशावादी नहीं 
  • जम्मू-कश्मीर के लोग खुद को भारत का हिस्सा मानते हैं

पणजी:

जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि उनके राज्य के लोगों में असहाय भले ही महसूस करते हों पर निराशावादी नहीं है। उन्होंने ये बात तीन दिवसीय 'इंडिया आइडियाज कॉनक्लेव 2017' में कही, जिसका आयोजन गोवा में इंडिया फाउंडेशन कर रहा है।

मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा, 'भारत का आइडिया जम्मू-कश्मीर के आइडिया से अलग नहीं है क्योंकि दोनों में एकता है। कश्मीर में पिछले कई सालों से समस्या है। हमारे ऊपर इतिहास का भार है लेकिन मेरे लिए, जिसने पिछले कुछ सालों से कश्मीर को इतना करीब से देखा है, राज्य में लोगों असहाय है पर निराशावादी नहीं है।'

उन्होंने कहा, 'हमें उन लोगों के साथ एक अलग दृष्टिकोण रखना चाहिए जो हमारे साथ हैं और बहुमत में लोग हमारे साथ है।'

मुफ्ती ने कहा कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में लोगों की जिंदगी को लेकर कई अनिश्चितताओं के साथ घिरा हुआ है। उन्होंने कहा, 'यहां मानसिक, भावनात्मक , आर्थिक, रूप से अवरोध है। कश्मीर हर तरह की घेराबंदी में है। कोई नहीं जानता कब बंद बुला लिया जाए, कर्फ्यू लगा दिया जाए या फिर विरोध प्रदर्शन शुरू हो जाए।

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उन्होंने कहा कि 'जब हम पाकिस्तान के बारे में सोचते हैं, हमें कश्मीर के बारे में नहीं सोचना चाहिए। जब हम कश्मीर के बारे में सोचते हैं तो हमें पाकिस्तान के बारे में नहीं सोचना चाहिए क्योंकि कश्मीर हमारा है।'

मुफ्ती ने पाकिस्तान के सात तनाव को करने के लिए मोदी सरकार के प्रयासों की तारीफ की। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाहौर यात्रा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नीतियों को ही अपनाया।

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