कैसे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुबहान कुरैशी बन गया भारत का आतंकी 'लादेन'
दिल्ली पुलिस ने भारत का लादने माने जाने वाले आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के संस्थापक सदस्य अब्दुल सुबहान कुरैशी (उम्र-46 साल) उर्फ तौकीर को करीब 10 साल बाद गिरफ्तार कर लिया।
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस ने भारत का लादने माने जाने वाले आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के संस्थापक सदस्य अब्दुल सुबहान कुरैशी (उम्र-46 साल) उर्फ तौकीर को करीब 10 साल बाद गिरफ्तार कर लिया। एनआईए ने उसपर चार लाख रुपये का ईनाम रखा था।
गुजरात, मुंबई, वाराणसी और हैदाबाद में सिलसिलेवार धमाके का आरोपी तौकीर बीते 10 साल से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से छिपकर नेपाल में रहा रहा था।
10 साल से नेपाल में रह रहा था आतंकी तौकीर
तौकीर नेपाल में इंग्लिश के टीचर के रूप में काम कर रहा था जबकि उसका असली मकसद आईएम को फिर से जिंदा करना और उसके लिए फंड जुटाना था।
तौकीर 10 सालों बाद दिल्ली एक बार फिर इसी लिए आया था कि वो यहां अपने स्लीपर सेल को जिंदा कर संगठन में नए लोगों को जोड़ सके। तौकीर अपने इस मंसूबों में कामयाब होते उससे पहले ही वो दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के हत्थे चढ़ गया।
ऐसे एक सफल इंजीनियर से आतंक का सरगना बन गया तौकीर
अब्दुल सुबहान कुरैशी उर्फ तौकीर के एक प्रतिभाशाली छात्र से कट्टर आतंकी बनने की घटना कम दिलचस्प नहीं है।
मुंबई में जन्मे तौकीर ने साल 1992 से 1995 के बीच इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा किया। दिमाग के बेहद तेज तौकीर ने माइक्रोसॉफ्ट के आयोजित सर्टिफाइड सॉफ्टवेयर इंजिनियरिंग (mcse) टेस्ट को पास कर हार्डवेयर और नेटवर्किंग का कोर्स किया।
तौकीर को इस्लाम में बेहद दिलचस्पी थी जिसको लेकर वह इस्लाम के धार्मिक कार्यक्रमों में जाने लगा और लाइब्रेरी में बी इस्लाम से जुड़ी किताबे पढ़ने लगा। इसी दौरान तौकीर भायकुला में पढ़ रहे रियाज भटकल के संपर्क में आया और जिहाद के लिेए काम करने की इच्छा जताई।
तौकीर ने इसके बाद मुंबई के एमएलसी में अच्छी सैलरी वाली नौकरी छोड़कर धर्म के लिए काम करने की इच्छा जताई और साल 1996 में सिमी में शामिल हो गया।
तौकीर की अच्छी शिक्षा को देखते हुए उसे आतंकी संगठन के अंग्रेजी पत्रिका इस्लामिक मूवमेंट का एडिटर बनाया गया।
तौकीर इसके बाद संगठन की प्लानिंग से लेकर उसके विस्तार तक पर काम करने लगा। साल 2001 में भारत सरकार ने सिमी को आतंकी संगठन घोषित कर दिया।
गुजरात में धमाका कर ली कई लोगों की जान
साल 2007 में संगठन के दूसरे सदस्य नागौरी और दूसरे साथियों की गिरफ्तारी और सरकार तक अपना संदेश पहुंचाने के लिए तौकीर ने साल 2008 में गुजरात में घमाके की साजिश रची और उसे अंजाम दिया। इस बम धमाके में 50 से ज्यादा लोगों मारे गए थे।
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बम धमाके को अंजाम देने के बाद कुरैशी ने अपना घर छोड़ दिया और नेपाल भाग गया। नेपाल में 10 साल रहने के दौरान साल 2015-17 के बीच वह सऊदी अरब गया और वहां कई जगह काम किया।
साल 2010 में दिल्ली में हुए एक बम धमाके में एनआईए को तौकीर की तलाश थी और उसे पकड़ने के लिए 4 लाख रुपये का ईनाम भी रखा गया था।
22 जनवरी को तौकीर की गिरफ्तार के बाद महाराष्ट्र एटीएस दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल से संपर्क में है। तौकीर से मुंबई में लोकल ट्रेन में हुए सिलसिलेवार बम धमाके में एटीएस भी पूछताछ करेगी।
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