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रेवाड़ी गैंगरेप केस : डीजीपी ने कहा, आर्मी जवान मुख्य आरोपी, जल्द होगी गिरफ्तारी

हरियाणा के रेवाड़ी में 19 साल की युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले में सेना के एक जवान पर आरोप लगा है। पुलिस ने आर्मी जवान को इस मामले का मुख्य आरोपी बताया है।

Updated on: 18 Sep 2018, 06:09 PM

नई दिल्ली:

हरियाणा के रेवाड़ी में 19 साल की युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले में सेना के एक जवान पर आरोप लगा है। पुलिस ने आर्मी जवान को इस मामले का मुख्य आरोपी बताया है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बी एस बंधु ने बताया, 'इस मामले में तीन आरोपियों में राजस्थान में तैनात आर्मी जवान भी मुख्य आरोपी है। हम उनके खिलाफ वारंट जारी कर रहे हैं। उम्मीद है कि आज शाम तक गिरफ्तारी हो जाएगी। मामला दर्ज कर लिया गया है। अगर पुलिस विभाग के द्वारा कोई लापहरवाही हुई है तो रेवाड़ी के एडीजी जांच को देंखेंगे। अन्य दो आरोपियों को भी जल्द पकड़ा जाएगा।'

रेवाड़ी के एडीजी श्रीकांत जाधव ने कहा, 'हर मिनट की जानकारी मिलने पर हम काम कर रहे हैं। हमारे पास कुछ पुष्टि करने वाली जानकारियां हैं जो हमें सही दिशा में बढ़ने में मदद कर सकती हैं। जांच अब भी जारी है।'

आरोपियों की पहचान विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन के बाद बाहर आई थी। नूह की पुलिस अधीक्षक नाजनीन भसीन रेवाड़ी के जिला अस्पताल में छात्रा से मिलने पहुंची थी जहां पीड़िता की जांच चल रही है।

भसीन ने बताया, 'मैंने पीड़ित से बात की है, उसकी स्थिति स्थिर है। मुख्य आरोपी की पहचान कर ली गयी है और हर पहलू से इस मामले की जांच की जा रही है।'

लड़की ने आरोप लगाया है कि महेंद्रगढ़ जिले में उसके साथ युवकों ने बुधवार को सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़ित के माता-पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस मामले में कार्रवाई नहीं कर रही है और इसमें लापरवाही कर रही है। पीड़िता ने तीनों युवकों की पहचान बताई थी।

पीड़िता ने आरोप लगाया था कि युवकों ने उसे पीने के लिए पानी दिया, जिसमें नशीला पदार्थ मिला हुआ था। छात्रा ने कहा था कि तीनों ने उसके साथ कनीना गांव में दुष्कर्म किया और बाद में गांव के निकट बस स्टॉप के पास फेंक दिया।

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पीड़ित के परिवार का आरोप है कि रेवाड़ी में महिला पुलिस थाने ने शुरुआत में अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए शिकायत लिखने से इनकार कर दिया। पुलिस ने बाद में 'जीरो एफआईआर' दर्ज किया था। जीरो एफआईआर के तहत मामले को बाद में संबंधित पुलिस थाने को भेज दिया जाता है।