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हरियाणा में ऐतिहासिक बिल पास, नाबालिग के साथ रेप करने पर होगी फांसी की सज़ा

मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार के बाद हरियाणा ने भी 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ बलात्कार पर कठोर सज़ा के फैसले पर मुहर लगा दी है।

Updated on: 15 Mar 2018, 08:21 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार के बाद हरियाणा ने भी 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ बलात्कार पर कठोर सज़ा के फैसले पर मुहर लगा दी है। हरियाणा विधानसभा ने आज ऐतिहासिक बिल पास किया जिसमें दंड विधि संशोधन विधेयक 2018 को सर्वसम्‍मति से पारित कर दिया गया है।

अब 12 साल की कम उम्र के बच्चों के साथ बलात्कार करने पर दोषी को मृत्युदंड की सजा होगी

हरियाणा में बढ़ते अपराध और बलात्कार के मामले सामने आने के बाद सरकार की काफी आलोचना हुई थी

हरियाणा सरकार ने फरवरी में एक प्रस्ताव को कानून में लाने की मंजूरी दी थी जिसमें 12 साल या उससे कम आयु के लड़कियों के साथ बलात्कार करने वालों को मौत की सजा देने का प्रावधान होगा।

कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार, 12 वर्ष तक की किसी लड़की के साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के मामले में, 14 साल से कम की मृत्यु या सश्रम कारावास की सजा हो सकती है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जनवरी में कहा था कि उनकी सरकार कठोर कानून लाएगी।

बता दें कि राजस्थान में अभी 16 साल से कम उम्र की नाबालिग के साथ बलात्कार करने पर आजीवन कारावास और जुर्माना का प्रावधान है। वहीं सामूहिक बलात्कार पर 20 साल की सजा या आजीवन कारावास और जुर्माना दोनों मौजूद है।

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महिलाओं से गैंगरेप में हरियाणा अव्वल

हरियाणा के भिवानी से 2015 में देशभर में शुरू हुए 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान की जमीनी हकीकत पर से हरियाणा पुलिस के महिलाओं के खिलाफ अपराध (सीएडब्ल्यू) सेल और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने पर्दा उठाया है। एनसीआरबी द्वारा जारी 2016 के आंकड़ों में सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में हरियाणा अव्वल रहा।

हरियाणा राज्य में 2011 की जनगणना के मुताबिक, प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 879 थी। सीएडब्ल्यू सेल द्वारा 2017 के अंत में जारी किए गए आंकड़ों ने महिलाओं की स्थिति की जमीनी हकीकत खोल कर रख दी है। 

सेल द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2017 के एक जनवरी से 30 नवंबर के बीच राज्य में 1,238 महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए। यानी राज्य में प्रत्येक दिन कम से कम चार महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुए। इसके अलावा समान समयावधि में महिला उत्पीड़न के 2,089 मामले दर्ज हुए।

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