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चुनाव आयोग पर कांग्रेस का प्रहार, कहा- गुजरात चुनाव की तारीखें घोषित न कर खोई विश्वसनीयता

हिमाचल चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही गुजरात चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान न कर चुनाव आयोग पर कांग्रेस ने निशाना साधा है।

Updated on: 23 Oct 2017, 02:40 PM

नई दिल्ली:

हिमाचल चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही गुजरात चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान न कर चुनाव आयोग पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि चुनाव आयोग ने खुद अपनी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। 

साथ ही कांग्रेस ने कहा है कि न ही प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी 'शहंशाह' है और न ही भारत उनकी 'सल्तनत'। 

आनंद शर्मा ने पूछा है, 'क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास कानूनी या संवैधानिक ताकत है कि वो गुजरात चुनाव के लिए चुनाव आयोग को तारीखों का ऐलान करने, न करने के लिए प्रभावित कर सके? भारतीय चुनाव आयोग की विश्वसनीयता की मिसाल भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में जानी जाती है लेकिन आज खुद आयोग ने अपनी विश्वसनीयता पर सवाल उठाने का मौका दिया है। '

उन्होंने कहा, 'देश में कुछ गलत हो रहा है तब ऐसे में अगर विपक्ष सवाल नहीं उठाएगा तो आखिर कौन उठाएगा? प्रधानमंत्री कोई शहंशाह नहीं है और न भारत उनकी कोई सल्तनत।'

इस बीच दूसरे नेता टॉम वडक्कन ने भी ऐसे ही सवाल उठाए है।

उन्होंने कहा कि 'चुनाव आयोग ने कहा था कि वह कुछ दिनों में गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा लेकिन कोई घोषणा नहीं हुई। ऐसे में स्वाभाविक है कि ऐसे सवाल उठ रहे हैं। क्या प्रधानमंत्री स्वीकार करेंगे कि वो गुजरात चुनाव की तारीखों में होने वाली देरी के लिए ज़िम्मेदार है।'

'अगर ऐसा है तो यह गंभीर विषय है। हमारा विचार है कि चुनाव आयोग केंद्र की ओर से दबाव के चलते तारीखों का ऐलान नहीं कर रहा है। हर प्रधानमंत्री को निशाना नहीं बना रहे हैं सिर्फ सवाल पूछ रहे हैं।'

इससे पहले प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात चुनाव की तारीखों में देरी पर कांग्रेस के सवालों पर कहा था कि विपक्ष के पास चुनाव आयोग और उनके फैसलों के खिलाफ सवाल पूछने का कोई अधिकार नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात दौरे के दौरान कहा था, 'चुनाव कार्यक्रम पर विपक्ष के पास आयोग से सवाल करने का "अधिकार" नहीं है। लोगों को वडोदरा की मेरी यात्रा पर समस्याएं आ रही हैं। वो मुझे कुछ भी कह सकते है इसीलिए वो चुनाव आयोग पर दबाव बना रहे हैं। लेकिन मैं यह बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि उनके पास आयोग पर उंगली उठाने का अधिकार नहीं है।'