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गुजरात विधानसभा चुनाव: कांग्रेस ने फेंका 'पटेल कार्ड', हार्दिक को पार्टी से चुनाव लड़ने का न्योता

गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने पटेल कार्ड फेंकते हुए पाटीदार आंदोलन का चेहरा रहे हार्दिक पटेल को चुनाव लड़ने का न्यौता देकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को घेरने की कोशिश तेज कर दी है।

Updated on: 21 Oct 2017, 05:30 PM

highlights

  • कांग्रेस ने दिया पटेल आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को पार्टी से चुनाव लड़ने का न्योता
  • पटेल ने कहा, उन्हें चुनाव लड़ने की जरूरत नहीं, बीजेपी को हराने के लिए एकजुटता जरूरी

नई दिल्ली:

गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने 'पटेल कार्ड' फेंकते हुए पाटीदार आंदोलन का चेहरा रहे हार्दिक पटेल को चुनाव लड़ने का न्यौता देकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को घेरने की कोशिश तेज कर दी है।

नरेंद्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद से गुजरात बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती पटेल आंदोलन से निपटने की रही है, जिसमें वह बुरी तरह से विफल रही है। पटेल आंदोलन की अगुवाई कर रहे हार्दिक पटेल यह साफ कर चुके हैं कि वह किसी भी सूरत में बीजेपी को राज्य में चुनाव नहीं जीतने देंगे।

इसके लिए उन्होंने कांग्रेस से भी हाथ मिलाने के संकेत दिए थे। हालांकि अब कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर उन्हें पार्टी से चुनाव लड़ने का न्योता देकर गेंद को उनके पाले में डाल दिया है।

गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रेसि़डेंट भारत सोलंकी ने कहा, 'अगर हार्दिक पटेल चुनाव लड़ना चाहते हैं तो कांग्रेस उन्हें इसका न्योता देती है।'

कांग्रेस की इस पेशकश का जवाब देते हुए पटेल ने कहा कि वह अभी चुनाव नहीं लड़ सकते। पटेल ने कहा कि संवैधानिक तौर पर मैं अभी चुनाव नहीं लड़ सकता और मुझे इसकी जरुरत भी नहीं है।

उन्होंने कहा, 'मुझे चुनाव नहीं लड़ना और चुनाव लड़ने का हमारा स्वार्थ भी नहीं हैं। हमें अधिकार चाहिए और न्याय, हम अहंकार के सामने लड़ रहें हैं। जीत हमारी होंगी।'

बीजेपी के खिलाफ एकजुटता की अपील करते हुए पटेल ने कहा, 'हालांकि मैं मानता हूं कि हमें बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है और यह चुनाव बीजेपी बनाम कांग्रेस नहीं है बल्कि गुजरात के 6 करोड़ लोगों का चुनाव है।'

गौरतलब है कि इससे पहले पटेल कह चुके हैं कि वह गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए काम कर रहे हैं और उसे सत्ता से हटाकर ही दम लेंगे।

पटेल ने एक कॉन्क्लेव में अपनी बात रखते हुए कहा, 'मैं विपक्षी कांग्रेस को जिताने के लिए काम नहीं कर रहा हूं, बल्कि अपने समुदाय के जायज अधिकारों के लिए वचनबद्ध हूं।' उन्होंने कहा, 'यदि कांग्रेस पार्टी जीतती है, तो यह तानाशाही के खिलाफ एक वोट होगा।'

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गुजरात चुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है हालांकि पिछले कुछ सालों में राज्य के बदलते समीकरण पार्टी के मुताबिक नहीं रहे हैं।

अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती हार्दिक पटेल, उना कांड के बाद दलित आंदोलन को ताकत देने वाले जिग्नेश मेवानी और पटेलों के आरक्षण आंदोलन का विरोध कर रहे अल्पेश ठाकुर हैं, जिनसे निपटने में पार्टी को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है।

गुजरात का चुनाव अभी तक दोतरफा यानी कांग्रेस बनाम बीजेपी रहा है लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी (आप) ने भी राज्य में चुनाव लड़ने की घोषणा कर सियासत को दिलचस्प बना दिया है।

वहीं राज्य की मुख्यम विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस बार विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी पूरी ताकत लगा रखी है। कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट लगातार गुजरात का दौरा कर पटेलों को पार्टी के पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं।

राहुल के गुजरात में चलाए जा रहे आक्रामक कैंपेन की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह पिछले एक महीने में दो बार गुजरात का दौरा कर चुके हैं और उन्हें घेरने के लिए बीजेपी ने उनके संसदीय क्षेत्र में रैली की, जिसमें बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाश शामिल हुए।

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वहीं बीजेपी का मुख्य चुनावी चेहरा माने जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार गुजरात का चुनावी दौरा कर रहे हैं। माना जा रहा कि अगले कुछ हफ्तों में चुनाव आयोग गुजरात के विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है।

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