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गुलाम नबी आजाद: राजनीतिक बदले की कार्रवाई कर रही भाजपा

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्ता में आने के बाद राज्य में भूमि की खरीद-फरोख्त के मामलों की जांच के लिए ढींगरा आयोग गठित की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी भी शामिल है।

Updated on: 29 Apr 2017, 09:54 PM

नई दिल्ली:

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्ता में आने के बाद राज्य में भूमि की खरीद-फरोख्त के मामलों की जांच के लिए ढींगरा आयोग गठित की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी भी शामिल है।

कांग्रेस ने हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में भूमि की खरीद-फरोख्त के कई मामलों की जांच के लिए गठित ढींगरा आयोग की रिपोर्ट को 'राजनीतिक बदले की कार्रवाई' कहा है।

वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पत्रकारों से कहा, 'यह चाहे जो भी आयोग हो, यह सबसे निचले दर्जे की राजनीतिक बदले की कार्रवाई है।'

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हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा मई, 2015 में गठित न्यायाधीश एस. एन. ढींगरा वाली एक सदस्यीय आयोग ने पिछले वर्ष 31 अगस्त को अपनी 182 पृष्ठों की रिपोर्ट सौंप दी।

कांग्रेस ने ढींगरा आयोग की इस रिपोर्ट को 'अमान्य' भी करार दिया है, क्योंकि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और वाड्रा को आयोग की ओर से कोई नोटिस नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इतने लंबे समय तक सत्ता में रहते हुए कभी विपक्षी पार्टियों को आर्थिक मदद देने वालों के नाम पर परेशान नहीं किया।

आजाद ने कहा, 'कांग्रेस ने दशकों तक सत्ता संभाली है। और हमें पता है कि कौन से कारोबारी या उद्योग समूह भाजपा को आर्थिक मदद देते हैं। लेकिन कांग्रेस सरकार ने पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय से ही कभी भी भाजपा को आर्थिक मदद देने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।'

खबरों के मुताबिक ढींगरा आयोग से जुड़े एक अज्ञात व्यक्ति के हवाले से कहा जा रहा है कि वाड्रा ने बिना एक भी पैसा खर्च किए 2008 में हुई भूमि की खरीद फरोख्त से 50 करोड़ रुपये से अधिक का 'अवैध लाभ' अर्जित किया।

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