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पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाए जाने पर काउंसिल करे विचार: धर्मेंद्र प्रधान

पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाने की बात करते हुए कहा, 'मैं चाहता हूं कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। जीएसटी परिषद को इस बारे में फैसला करना होगा।'

Updated on: 17 Sep 2018, 07:23 PM

नई दिल्ली:

पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का कहना है कि सरकार इस पर जल्द नियंत्रण करने को लेकर विचार कर रही है। हालांकि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के ताज़ा बयान को सुने तो लगता नहीं है कि लोगों को फिलहाल कोई राहत मिलने जा रही है। ओडिशा यात्रा के दौरान पेट्रोलियम मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैनें ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की अपील की है जिससे आम लोगों को राहत मिल सके। केंद्र सरकार ने पिछले महीने ही इन पर उत्पाद शुल्क कम कर दिया है।'

इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर से पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाने की बात करते हुए कहा, 'मैं चाहता हूं कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। जीएसटी परिषद को इस बारे में फैसला करना होगा। जीएसटी परिषद की बैठक में राज्य सरकार तुलनात्मक रूप से केंद्र सरकार से ज़्यादा मजबूत है।'

गौरतलब है कि रविवार को अमित शाह ने पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि के लिए अंतरराष्ट्रीय कारणों को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार बढ़ती तेल कीमतों से लोगों को राहत दिलाने और गिरते रुपये को संभालने के लिए समाधान तलाश रही है।

शाह ने हैदराबाद में मीडिया से बात करते हुए कहा, 'डीजल और पेट्रोल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी और डॉलर के मुकाबले कमजोर होता रुपया बीजेपी और सरकार के लिए चिंता का विषय है। वैश्विक कारणों जैसे- अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर और अमेरिका के तेल उत्पादक देशों के साथ संबंधों के चलते ऐसा हुआ है। समाधान तलाशा जा रहा है और जल्द ही सरकार इस मुद्दे पर कोई निर्णय लेगी।'

शाह ने ईंधन कीमतों में वृद्धि का कारण अमेरिका और चीन में व्यापार युद्ध को और अमेरिका तथा तेल उत्पादक देशों के बीच तनाव को बताया। बीजेपी नेता ने दावा किया कि डॉलर के खिलाफ रुपया उतना अधिक कमजोर नहीं हुआ है, 'जितना अन्य मुद्राएं हुई हैं।'

उन्होंने कहा, 'हम तरीका खोजने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार जल्द ही इस पर कदम उठाएगी।'

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ज़ाहिर है 10 सितम्बर को विपक्ष द्वारा भारत बंद बुलाए जाने के बाद अमित शाह और केंद्रीय पेट्रोलिेयम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच कई बार मुलाक़ात भी हुई है। वहीं धर्मेंद्र प्रधान ने अगस्त महीने में कहा था कि केंद्र सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर स्थायी रूप से नियंत्रण करने को लेकर योजना बनी रही है।