सुप्रीम कोर्ट में AIMPLB ने कहा, तीन तलाक आस्था का विषय है, संवैधानिक नैतिकता का नहीं
तीन तलाक के पक्ष में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि तीन तलाक को हम गैर इस्लामिक कैसे कह सकते हैं।
highlights
- तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी, कपिल सिब्बल एआईएमपीएलबी की तरफ से रख रहे हैं दलील
- सिब्बल ने कहा, तीन तलाक जैसी पंरपरा 1400 सालों से चली आ रही हैं, हम इसे गैर इस्लामिक कैसे कह सकते हैं?
- सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या ई- तलाक भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का हिस्सा है?
नई दिल्ली:
तीन तलाक पर मंगलवार को चौथे दिन सुनवाई जारी है। तीन तलाक के पक्ष में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि तीन तलाक को हम गैर इस्लामिक कैसे कह सकते हैं।
तीन तलाक पर दलील रखते हुए सिब्बल ने कहा, 'तीन तलाक जैसी पंरपरा 1400 सालों से चली आ रही हैं। अब हम इसे गैर इस्लामिक कैसे कह सकते हैं? ये आस्था का विषय है ना कि संवैधानिक नैतिकता का। ठीक ऐसे ही जैसे अगर मैं कहता हूं कि श्री राम अयोध्या में पैदा हुए, ये अपने आप में संवैधानिक नैतिकता का विषय नहीं है।'
वहीं सुनवाई के दौरान जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कपिल सिब्बल से पूछा कि क्या ई- तलाक (इंटरनेट के जरिये दिए जाने वाला तलाक) भी पर्सनल लॉ का हिस्सा है?'
SC wanted to know from the All India Muslim Personal Law Board (AIMPLB) what is the position of e- divorce given on WhatsApp in Islam?
— ANI (@ANI_news) May 16, 2017
इससे पहले सोमवार को केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर कोर्ट मुस्लिम महिलाओं से भेदभाव करने वाले पुरुष केंद्रित तीन तलाक को अवैध घोषित कर देता है, तो वह मुस्लिम समुदाय के लिए तलाक संबंधी एक नया कानून लाएगा, जो पुरुष तथा महिला दोनों के लिए निष्पक्ष व समान होगा।
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने जैसे ही तीन तलाक के खिलाफ दलील दी और इसे खत्म करने पर जोर दिया, चीफ जस्टिस जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने उनसे कहा कि अगर ऐसा कर दिया जाता है, तो उन मुस्लिम पुरुषों का क्या होगा, जो अपनी शादी खत्म करना चाहते हैं।
जस्टिस उदय उमेश ललित ने पूछा, 'अगर हम यह स्वीकार कर लेते हैं कि पुरुषों को दिया गया निरंकुश अधिकार बेकार है और हम तीन तलाक को अवैध घोषित कर देते हैं, तो मुस्लिम पुरुष तलाक के लिए कहां जाएंगे?'
संवैधानिक पीठ में चीफ जस्टिस के साथ जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन तथा जस्टिस एस.अब्दुल नजीर भी शामिल हैं।
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