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अमित शाह और रमन सिंह की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी

चौधरी को राज्य के नक्सल प्रभावित जिले दांतेवाड़ा में शिक्षा-व्यवस्था में बदलाव करने का श्रेय दिया जाता है।

Updated on: 28 Aug 2018, 06:11 PM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी राज्य की सत्ता में फिर से वापसी के लिए हर संभव प्रयास में जुट गई है। इसी क्रम में रायपुर जिला के पूर्व कलेक्टर ओ पी चौधरी को बीजेपी ने अपनी पार्टी में शामिल किया गया है। ओपी चौधरी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता हासिल की।

चौधरी ने कहा, 'मैंने भाजपा की सदस्यता हासिल की।' उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता की 13 वर्षो तक उन्होंने सेवा की और उनकी मदद का हर संभव प्रयास किया । 

छत्तीसगढ़ से आने वाले चौधरी ने कहा कि वह आईएएस के रूप में अपने कार्यकाल से संतुष्ट है लेकिन नौकरशाही की अपनी सीमाएं होती है। उन्होंने कहा कि वह अपने लोगों और अपनी माटी की और सेवा करना चाहते हैं और इसलिये आईएएस छोड़ने का निर्णय किया।

बता दें कि हाल ही में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था। चौधरी को राज्य के नक्सल प्रभावित जिले दांतेवाड़ा में शिक्षा-व्यवस्था में बदलाव करने का श्रेय दिया जाता है।

कयास यह भी लगाया जा रहा है कि वह बीजेपी में शामिल होने के बाद विधानसभा चुनाव में खरसिया से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। यह सीट रायगढ़ जिले में कांग्रेस का गढ़ है। वहीं चौधरी का पैतृक नगर है।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का यह भी कहना है कि अगर राज्य में फिर से बीजेपी की सरकार बनती है और ओपी चौधरी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचते हैं तो उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

ओपी चौधरी के शामिल होने से पार्टी के अंदरखाने में काफी खुशी दिखाई दे रही है। पार्टी का दावा है कि चुनावी लहर उसके पक्ष में है इस कारण सरकारी अफसर कांग्रेस के बजाए उनकी पार्टी में प्रवेश करना मुनासिब समझ रहे हैं।

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ओपी चौधरी खरसिया विधानसभा सीट पर युवाओं के साथ काफी समय व्यतीत कर रहे थे। करीब एक साल से ही वह इस विधानसभा सीट पर बेरोजगारों, ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में पास होने का गुरु मंत्र दे रहे थे।

कई जगहों पर उन्होंने फ्री में कोचिंग भी चलाई। इस तरह वह वह वहां के नौजवानों से पूरी तरह से जुड़ गए थे। यह सीट कांग्रेस का पारंपरिक सीट माना जाता है।