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जीवन का नज़रिया भी हैं अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं, जानें उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया। दिल्ली के एम्स में 505 बजे उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली।

Updated on: 16 Aug 2018, 11:46 PM

नई दिल्ली:

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया। दिल्ली के एम्स में 505 बजे उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। 93 साल के वाजपेयी अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे। वाजपेयी को 2014 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उनके जन्मदिवस 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया  जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी 3 बार प्रधानमंत्री रहे। वह पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही चल पाई थी।

1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीने तक चली थी। 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और पांच सालों का कार्यकाल पूरा किया। स्वाभाव से बेहद मिलनसार अटलजी हर दिल को अजीज थे और भारत के सबसे लोकप्रिय नेता में से एक थे। उनके व्यक्तित्व में कई ऐसी बातें थी जो उन्हें सबसे अलग बनाती थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदीप भार्गव ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी हर सभा से पहले मिश्री खाते थे। ऐसे ही पढ़ें अटलजी से जुड़े दिलचस्प किस्से

- वाजपेयी अपने पिता के साथ कानपुर के डीएवी कॉलेज में लॉ की पढ़ाई करते थे। दोनों एक ही क्लास के सेक्शन और हॉस्टल में साथ रहते थे। कहा जाता है कि जब इस बारे में छात्रों ने बातचीत शुरू की तब उन्होंने अपने क्लास के सेक्शन बदल लिए थे।

- एक इंटरव्यू के दौरान भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि वह एक पत्रकार बनना चाहते थे।

- अटल बिहारी वाजपेयी 6 पार्टियों के साथ सरकार चलाने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री थे। उन्होंने तीन बार इस पद की शपथ ली थी।

- अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी शादी नहीं की। उन्होने एक बेटी गोद ली जिनका नाम नमिता है।

- बचपन में अटल बिहारी वाजपेयी बंकिम चंद्र चटर्जी, सरत चंद्र, मुंशी प्रेमचंद और मैथिलि शरण गुप्त से काफी प्रभावित थे।

- 1942 में अंग्रेजों के शासन के खिलाफ क्विट इंडिया मूवमेंट में हिस्सा लेने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी और उनके भाई प्रेम को 23 दिनों के लिए गिरफ्तार किया गया था।

- अटलजी ने आरएसएस पत्रिका 'राष्ट्र धर्म' के संयुक्त संपादक बनने के लिए लॉ स्कूल बीच में ही छोड़ दिया था। वह संघ द्वारा संचालित साप्ताहिक पेपर 'पंचंज्या' के संपादक भी बने।

- इसके बाद अटलजी भारतीय जाना संघ श्यामा प्रसाद मुख़र्जी के करीबी सहयोगी बने और 1953 में कश्मीर जाने के लिए परमिट लेकर अनिवार्य कानून के विरोध में शामिल हुए।

- अटल बिहारी वाजपेयी ने 1953 में लखनऊ से पहला लोक सभा चुनाव लड़ा। 1957 में उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से उन्होंने पहला लोक सभा चुनाव जीता।

- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू अटलजी के व्यक्तित्व से बेहद प्रभावित थे। नेहरू अक्सर उन्हें विदेशी मेहमानों से मिलवाया करते थे। नेहरू ने एक बार भविष्यवाणी की थी कि एक दिन वाजपेयी भारत के प्रधान मंत्री बनेंगे।

- पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन पर अटलजी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने कहा था कि नेहरू एक ईमानदार आदमी है जो कभी वार्ता से डरता नहीं था और डर से कभी बातचीत नहीं करता था।

- 1971 युद्ध भारत द्वारा पाक को धूल चटाने के बाद वाजपेयी ने इंदिरा गांधी की तारीफ करते हुए उन्हें 'दुर्गा' बताया था।

अटल जी का मध्य प्रदेश से गहरा नाता रहा है, उनका ग्वालियर में जन्म हुआ और यहां उनके चाहने वालों की कमी नहीं है। यही कारण है कि हर कोई उनके साथ बिताए दिनों को साझा कर रहा है। 

- राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल गौर अपने और अटल जी के बीच हुए संवाद को याद करते हुए बताते हैं कि जब भारत ने पाकिस्तान से बांग्लादेश को अलग किया था, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अटल जी की मदद ली थी।

- गौर ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहा राव का निधन होने पर वाजपेयी ने अपना सम्मान कराने से मना कर दिया था, जिसके पीछे कुछ कारण थे। नरसिंहा राव के कहने पर ही वाजपेयी संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के प्रतिनिधि के तौर पर गए थे, जिस पर नरसिंहा राव को कांग्रेस की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था ।

- 1975-77 में आपातकाल के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी के साथ कई विपक्षी नेताओं को बेंगलुरु के सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया था। उस दौरान उन्होंने खाना बनाने को लेकर ध्यान रखा। अटलजी को खाना बनाना बेहद पसंद था।

- 1980 में वाजपेयी के साथ पुराने दोस्‍त भी जनता पार्टी छोड़ भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए। वाजपेयी बीजेपी के पहले राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बने। इसके बाद वे कांग्रेस सरकार के सबसे बड़े आलोचक बनकर उभरे।

- बीजेपी ने सिखों दंगों को सेना द्वारा खत्‍म करने की काफी आलोचना की और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर देश में सबसे खराब नेतृत्‍व सहित इस दंगे का भी आरोप लगाते हुए उनसे तुरंत इस्‍तीफा देने का दबाव डाला।

- 1977 में, मोरारजी देसाई सरकार में अटलजी विदेश मंत्री थे। जब वाजपेयी ने विदेश मंत्रालय के कार्यालय में प्रवेश के दौरान जवाहरलाल नेहरू का फोटो गायब पाया तो उन्होंने तुरंत अपने स्टाफ को फोटो लाने का आदेश दिया।

- अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसे शख्स है जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी भाषा बोली।

- बीजेपी ने 1984 में 'ऑपरेशन ब्‍लू स्‍टार' का पूरी तरह विरोध किया। उसी दौरान इंदिरा गांधी के दो सिख गार्डों ने उनकी गोली मारकर हत्‍या कर दी।

- बीजेपी विश्‍व हिन्‍दू परिषद और आरएसएस द्वारा चलाए जा रहे राम जन्‍मभूमि आंदोलन की राजनीतिक सहयोगी पार्टी बन गई। यह आंदोलन राम की नगरी अयोध्‍या में भव्‍य राम मंदिर बनाने की मांग कर रहा था। 

- वाजपेयी ने विदेश नीति मुद्दे की विशिष्ट योग्यता थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने उन्हें संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार कांफ्रेंस में पाकिस्तान के कश्मीर अभियान का जवाब देने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने के लिए चुना था।

- पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी जितने राजनेता के रूप में सराहे गए उससे कहीं ज्यादा अपनी कविताओं के लिए चर्चित रहे। वाजपेयी ने कई बार अभिव्यक्ति के लिए कविता को माध्यम बनाया। साल 1988 में जब वह किडनी के इलाज के लिए अमेरिका गए तो प्रसिद्ध साहित्यकार धर्मवीर भारती को पत्र लिखा। उस पत्र में उन्होंने मौत की आंखों में झांककर 'मौत से ठन गई..' कविता के जरिये अपनी अभिव्यक्ति लिखी थी। 

- वाजपेयी को अमेरिका भेजने के पीछे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे। संयुक्त राष्ट्र जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में वाजपेयी का नाम राजीव गांधी ने शामिल किया था, ताकि वे वहां अपना इलाज करा सकें। वाजपेयी इस बात के लिए राजीव सराहना किया करते थे और कुछेक बार तो उन्होंने कहा भी था कि वे राजीव की वजह से जिंदा हैं..