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दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले पहले यात्री थे अटल बिहारी वाजपेयी, पढ़ें पहली बार कहां गए थे

1995 में भारत सरकार और दिल्ली सरकार ने मिलकर दिल्ली मेट्रो कॉर्पोरेशन (DMRC) का गठन किया। ई. श्रीधरन को डीएमआरसी के मुखिया के तौर पर नियुक्त किया गया।

Updated on: 17 Aug 2018, 11:29 AM

नई दिल्ली:

देश की राजधानी की आज धड़कन बनी दिल्ली मेट्रो को देश में लाने और उसका जाल बिछाने के काम में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इतना ही नहीं दिल्ली में जब मेट्रो शुरू हुई थी तब पहले यात्री के रूप में अटल जी ने ही उसमें सफर किया था। उनकी सादगी का आलम यह था कि एक पीएम होने के बावजूद उन्होंने खुद लाइन में लगकर काउंटर से मेट्रो का टोकन लिया।

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने शाहदरा से तीस हजारी के बीच टिकट लेकर रेड लाइन पर यात्रा की थी। इतना ही नहीं दिल्ली मेट्रो का पहला स्मार्ट कार्ड बनवाने वाले पहले शख्स थे। 1995 में भारत सरकार और दिल्ली सरकार ने मिलकर दिल्ली मेट्रो कॉर्पोरेशन (DMRC) का गठन किया। ई. श्रीधरन को डीएमआरसी के मुखिया के तौर पर नियुक्त किया गया।

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साल 1998 में दिल्ली मेट्रो की पहली लाइन का काम शुरू हुआ औऱ 24 दिसंबर 2002 को तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने रेड लाइन पर शाहदरा से तीस हजारी के बीच मेट्रो को हरी झंडी दिखाई।

इसके अलावा दिल्ली में फ्लाईओवर का जाल फैलाने में भी दिवंगत पीएम का बहुत बड़ा हाथ है। अटल जी ने ही दिल्ली को सड़क मार्ग के जरिए जोड़ा था।

गौरतलब है कि लंबी गौरतलब है कि गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद 93 की उम्र में निधन हो गया।

वाजपेयी का जन्म 1924 में हुआ था। एम्स में उनका इलाज पलमोलोजिस्ट एवं एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया की देखरेख में हो रहा था। डॉ. गुलेरिया पिछले तीन दशक से वाजपेयी के निजी चिकित्सक रहे हैं।

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मधुमेह के शिकार 93 वर्षीय BJP नेता का एक ही गुर्दा काम कर रह था। 2009 में उन्हें स्ट्रोक आया था, जिसके बाद उनकी सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो गई थी। बाद में वह डिमेंशिया से भी पीड़ित हो गए। जैसे-जैसे उनकी सेहत गिरती गई, धीरे-धीरे उन्होंने खुद को सार्वजनिक जीवन से दूर कर लिया।

वाजपेयी 3 बार प्रधानमंत्री रहे। वह पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही रह पाई। 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीनों तक चली थी। 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया।

वह 5 साल का पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं। वह बीते एक दशक से अपने खराब स्वास्थ्य की वजह से सक्रिय राजनीति से दूर थे।