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शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों को आंतरिक स्तर पर मुद्दे सुलझाने चाहिए: जस्टिस ठाकुर

पूर्व प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के चारों वरिष्ठ न्यायाधीशों को प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करना चाहिए था।

Updated on: 19 May 2018, 11:40 PM

नई दिल्ली:

पूर्व प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के चारों वरिष्ठ न्यायाधीशों को प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के भीतर ही मसले सुलझाए जाने चाहिए थे।

पूर्व प्रधान न्यायाधीश ठाकुर ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि राष्ट्र से अपील करने से न्यायाधीशों को मदद नहीं मिलेगी। उनको संस्थागत समस्याओं का समाधान करने के लिए बाहर से मदद की अपेक्षा करने की जरूरत नहीं है।

ठाकुर ने कहा कि संवाददाता सम्मेलन को देखकर कोई भी शीर्ष अदालत के घटनाक्रम से विक्षुब्ध हो जाएगा। अदालत की कार्य प्रणाली को सार्वजनिक करने से मसले को लेकर फैसला लेने में असमर्थ महसूस करेगा।

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दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश कैलाश गंभीर द्वारा बनाए गए गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) 'ग्लोबल ज्यूरिस्ट' के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रेसवार्ता से राजनीतिज्ञों और मीडिया को मसले पर विचार-विमर्श करने का मौका मिला।

पूर्व प्रधान न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगई, न्यायमूर्ति एमबी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ द्वारा 12 जनवरी को आयोजित प्रेसवार्ता के संदर्भ में बोल रहे थे।

चारों वरिष्ठ न्यायाधीशों ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय के प्रशासनिक कार्य में सबकुछ सुचारु ढंग से नहीं चल रहा है।

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