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पीआईएल को न्याय व्यवस्था में लाने वाले पूर्व चीफ जस्टिस पी एन भगवती का निधन, पीएम ने जताया शोक

देश में न्याय के लिए पीआईएल यानि की जनहित याचिका को न्याय व्यवस्था में शामिल कर इन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थी।

Updated on: 16 Jun 2017, 12:01 AM

highlights

  • 95 साल की उम्र में पूर्व चीफ जस्टिस पीएन भगवती का निधन
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निधन पर जताया दुख

नई दिल्ली:

देश के 17 वें चीफ जस्टिस रहे पी एन भगवती का 95 साल की उम्र में निधन हो गया। देश में न्याय के लिए पीआईएल यानि की जनहित याचिका को न्याय व्यवस्था में शामिल कर इन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थी।

1986 में इन्होंने पीआईएल को गरीब और सुविधाविहीन लोगों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से पेश किया गया था। पी एन भगवती ( प्रफुल्लचंद्र नटवरलाल भगवती) 1985 से 20 दिसंबर 1986 तक भारत के चीफ जस्टिट रहे थे।

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन के दौरान आपातकाल में भगवती बंदी प्रत्यक्षीकरण केस से जुड़े पीठ का हिस्सा भी रहे थे और इसको लेकर अपने विवादित फैसले से भी चर्चा में रहे थे। जानेमाने अर्थशास्त्री जगदीश भगवती और न्यूरोसर्जन एन एन भगवती पूर्व चीफ जस्टिस भगवती के भाई है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पीएन भगवती के निधन पर दुख जताया है। पीएम ने ट्वीट कर उन्हें भारतीय कानून व्यवस्था का पक्क समर्थक बताया।

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