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चारा घोटाला के दूसरे मामले में लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख रुपये का जुर्माना

चारा घोटाला के एक अन्य मामले में रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई है। उन्हें 5 लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा।

Updated on: 06 Jan 2018, 05:16 PM

highlights

  • रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है
  • अदालत ने इस मामले में लालू यादव के साथ 15 लोगों को भी सजा सुनाई है
  • चारा घोटाले में यह दूसरा मामला है, जिसमें लालू यादव को सजा सुनाई गई है

नई दिल्ली:

चारा घोटाला के एक अन्य मामले में रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई है।

सीबीआई कोर्ट के जज शिवपाल सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सजा सुनाई। 

लालू यादव को 5 लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा। जुर्माना नहीं देने की स्थिति में उन्हें छह माह और जेल में बिताना होगा।

सजा 3 साल से अधिक होने की वजह से लालू यादव को इस कोर्ट से जमानत नहीं मिलेगी। उन्हें अब जमानत के लिए हाई कोर्ट में अपील करनी होगी।

चारा घोटाले में यह दूसरा मामला है, जिसमें लालू यादव को सजा सुनाई गई है। इसी घोटाले से जुड़े चार और ऐसे मामले हैं, जिसमें लालू यादव के खिलाफ फैसला आना बाकी है।

लालू यादव समेत अन्य आरोपियों को इस मामले में 3 जनवरी को सजा सुनाई जानी थी लेकिन इसे तीन बार टालना पड़ा।

गौरतलब है कि 23 दिसंबर को अदालत ने लालू को देवघर जिला राजकोष से फर्जी रूप से करीब 85 लाख रुपये निकालने का दोषी करार दिया था। इसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर रांची के बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया था।

वहीं इस मामले में अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को सभी आरोपों से बरी कर दिया था।

कुल 22 आरोपियों में से अदालत ने 7 को बरी किया था जबकि लालू यादव समेत 15 लोगों को दोषी करार दिया गया था।

लालू और जगन्नाथ मिश्रा चारा घोटाले के एक अन्य मामले में दोषी करार दिए जा चुके हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर थे। लेकिन इस फैसले की वजह से लालू यादव को जेल जाना पड़ा था।

गौरतलब है कि झारखंड हाई कोर्ट ने नवंबर 2014 में लालू यादव को बड़ी राहत देते हुए उन पर लगे घोटाले की साजिश रचने और ठगी के आरोप हटा दिए थे। हाई कोर्ट ने कहा था कि किसी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए दो बार सजा नहीं दी जा सकती।

हालांकि सीबीआई की अपील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए लालू पर आपराधिक मामला चलाने की मंजूरी देते हुए नौ महीनों के भीतर सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था।

950 करोड़ रुपये के इस चारा घोटाला मामले में संलिप्तता के लिए लालू यादव को 1997 में बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा तक देना पड़ा था।

तेजस्वी यादव ने कहा कि मैंने जो खत लिखा है, उसे बिहार की जनता तक पहुंचाना। आज हमारी बैठक मे इस खत को पढ़ा गया। लालू जी ने सभी पार्टी के लोगों को इस संदेश को घर-घर तक पहुंचाने का निर्देश दिया है।

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