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पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को भारतीय रेलवे देगा 7 लाख का हर्जाना, ये है वजह

मशहूर खिलाड़ी और पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा ने सात साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद भारतीय रेलवे से मुआवजा पाने का हक हासिल किया है।

Updated on: 29 Jan 2018, 02:23 PM

नई दिल्ली:

मशहूर खिलाड़ी और पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा ने सात साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद भारतीय रेलवे से मुआवजा पाने का हक हासिल किया है। अरुणिमा के वकील जानकी शरण पांडेय ने कहा कि रेलवे उन्हें सात लाख 20 हजार रुपये का मुआवजा देगी।

पांडे ने बताया कि रेलवे क्लेम्स ट्रिबुनल लखनऊ बेंच ने रेलवे को मुआवज़ा देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही मुआवज़ा राशि पर 1 जनवरी 2017 से छह प्रतिशत ब्याज भी देय होगा।

बता दें कि वालीबाल खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा 11 अप्रैल 2011 को पद्मावती एक्सप्रेस ट्रेन से लखनऊ से दिल्ली जा रही थीं। रास्ते में धनेती स्टेशन के पास डकैतों ने उन्हें बुरी तरह से मारपीट कर ट्रेन से नीचे ढकेल दिया जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं थीं।

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आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़ में इलाज के दौरान उनका बायां पैर काटना पड़ा। इसके बावजूद अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के चलते उन्होंने माउंट एवरेस्ट चोटी पर चढ़ने में कामयाबी पायी।

हादसे के बाद उन्होंने रेलवे पर क्षतिपूर्ति का मुकदमा चलाया था जिसके करीब 7 साल बाद उनके पक्ष में फैसला आया है। हालांकि शुरुआत में रेलवे ने कहा था कि वह मुआवजे की हकदार नहीं हैं क्योंकि वह लापरवाही से दुर्घटना का शिकार हुई हैं।

वकील पांडे ने बताया कि अरुणिमा विधिवत टिकट लेकर यात्रा कर रही थीं और यात्रा के दौरान उन्हें लुटेरों ने ट्रेन से ढकेला था। यह दोनों तथ्य प्रमाणित होने के बाद ट्रिबुनल ने उन्हें क्षतिपूर्ति पाने का हक़दार पाया।

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