अरुण जेटली बोले, देश की भलाई के लिए नोटबंदी का झटका देना जरूरी था
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक बार फिर नोटबंदी का समर्थन करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के समानांतर चलने वाली 'समांतर अर्थव्यवस्था को झटका' देने के लिए जरूरी था।
नई दिल्ली:
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक बार फिर नोटबंदी का समर्थन करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के समानांतर चलने वाली 'समांतर अर्थव्यवस्था को झटका' देने के लिए जरूरी था।
राज्यसभा में आम बजट 2017-18 पर चल रही एक लंबी बहस का जबाव देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले सात दशकों में भारतीयों ने कर न चुकाने के कई तरीके ढ़ूंढ लिए थे।
उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रणाली को झटका देना जरूरी था। उन्होंने कहा, 'अगर कोई घर खरीदने जाता है तो उसे दो तरह की दरें दी जाती है। (एक कर के साथ तो दूसरा बिना कर चुकाए)।'
जेटली ने इसके अलावा नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए विपक्ष, खासतौर से कांग्रेस का विरोध करते हुए कहा कि नोटबंदी से जुड़े मुद्दों को बढ़ा चढ़ाकर बेवजह तूल दिया। जेटली ने कहा, 'किसी ने कहा कि 2000 के नए नोट की नकल होगी और इससे और अपराध बढ़ेगा।'
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उन्होंने कहा कि अपराध तो जब तक मानवता है, तब तक बना रहेगा और पूछा कि कहीं नकदी की वजह से तो अपराध नहीं बढ़ा। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के जरिए 17 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद कर रही है।
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उन्होंने कहा, 'अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को औपचारिक में एकीकृत किया जा रहा है और अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ रहा है।' उन्होंने कहा कि इससे सरकार की कल्याण और विकास योजनाओं को समर्थन मिलेगा।
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