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जम्मू-कश्मीर: फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा, लोकसभा चुनाव का करेंगे बहिष्कार यदि मोदी सरकार....

पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक़ अब्दुल्ला ने आर्टिकल 35ए और आर्टिकल 370 को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा किया है।

Updated on: 09 Sep 2018, 11:54 AM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक़ अब्दुल्ला ने आर्टिकल 35ए और आर्टिकल 370 को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'अगर केंद्र आर्टिकल 35ए और आर्टिकल 370 को लेकर अपना रुख़ साफ करे अन्यथा हमलोग पंचायत और लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।'

अब्दुल्ला ने मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा, 'सिद्दू के पाकिस्तान जाने को लेकर जिस तरीके से मीडिया में ख़बर दिखाई गई, उससे स्पष्ट होता है कि कुछ लोग भारत- पाकिस्तान के बीच अच्छे संबंध चाहते ही नहीं है। दोनो जगह कुछ ऐसे लोग हैं जो अपने स्वार्थ के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहतर होने देना नहीं चाहते। लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों की बेहतरी के लिए भारत-पाकिस्तान का मुद्दा सुलझाया जाना बेहद ज़रूरी है।'

वहीं मुस्लिम समुदाय द्वारा नमाज़ पढ़ने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'कभी भी किसी मुस्लिम ने किसी हिंदू या ईसाई को उनका धार्मिक गतिविधि बदलने को नहीं कहा है लेकिन अगर कोई हमसे अज़ान रोकने या नमाज़ अदा करने के तरीके को बदलने को कहता है तो वह गांधी के भारत को बदलने की कोशिश कर रहा है। अगर वह लोग देश की सेवा करना चाहते हैं तो उन्हें सभी धर्मों का समान रूप से आदर करना चाहिए।'

इतना ही नहीं फारूक़ अब्दुल्ला ने पीएम मोदी को पाकिस्तान से बातचीत करने की सलाह देते हुए कहा, 'वाजपेयी जैसे आरएसएस नेता भी जब बतौर प्रधानमंत्री पाकिस्तान जाते हैं तो वह कहते हैं कि मैं भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करता हूं। उनका देश पाकिस्तान को एक राष्ट्र के रूप में स्वीकार करता है और उनसे दोस्ती करना चाहता है। अगर हम अपने पड़ोसी देशों के साथ दोस्ती रखेंगें तो दोनों मुल्क़ों में सुख-समृद्धि आएगी। मुझे लगता है पीएम मोदी को भी इस पर विचार करते हुए दोनों देशों के बीच संबंध बंहतर करने पर विचार करना चाहिए।'

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वहीं कश्मीरी पंडित के मुद्दे को लेकर अब्दुल्ला ने कहा, 'एजेंसीज़ अफ़वाह फैला रही है कि घाटी में रह रहे कश्मीरी पंडित डरे हुए हैं। जिस तरीके से जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल जगमोहन (1984-89 और जनवरी-मई 1990) की मृत्यु हुई, उन्हें (एजेंसी) को लगा कि इस तरह के अफ़वाह फैलाने से यहां रह रहे पंडित डर जाएंगे औऱ कश्मीर छोड़ देंगे। जिसके बाद पूरे देश में इसी नाम पर उपद्रव मचाया जाएगा और हिंदू औऱ मुस्लिमों के बीच क़त्लेआम होगा।'