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Exclusive: बीजेपी-अकाली गठबंधन, चुनावी मुद्दों और राजनीतिक संभावनाओं को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली से खास बातचीत

विधानसभा की सभी 117 सीटों पर आम आदमी पार्टी (आप) के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद पंजाब की राजनीति पूरी तरह से बदल चुकी है।

Updated on: 22 Jan 2017, 05:57 PM

नई दिल्ली:

करीब दो दशक बाद पंजाब विधानसभा चुनाव त्रिकोणीय होने जा रहा है, जिसमें आम आदमी पार्टी की अहम भूमिका होने की उम्मीद जताई जा रही है। अभी तक पंजाब की राजनीति अकाली-बीजेपी गठबंधन और कांग्रेस के इर्द-गिर्द घूमती रही है, लेकिन विधानसभा की सभी 117 सीटों पर आम आदमी पार्टी (आप) के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद पंजाब की राजनीति पूरी तरह से बदल चुकी है।

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले न्यूज स्टेट ने पंजाब में बीजेपी-अकाली गठबंधन, चुनावी मुद्दों और राजनीतिक संभावनाओं को टटोलने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली से खास बातचीत की। पंजाब में चार फरवरी को विधानसभा के चुनाव होने हैं। न्यूज स्टेट की एग्जिक्यूटिव एडिटर मीतू जैन से बातचीत के संपादित अंश...

कुछ सीटों पर ही ताकतवर है 'आप'

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पंजाब चुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष को लेकर पूछे जाने पर जेटली ने कहा, 'त्रिकोणीय संघर्ष का स्वाभाविक फायदा होता है, लेकिन पंजाब में बात बस इतनी नहीं है। कांग्रेस में सबसे अधिक बागी हैं, जबकि बीजेपी को केवल एक सीट पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, आम आदमी पार्टी एक ताकतवर पार्टी के रूप में उभरी है, लेकिन वह कुछ सीटों पर ही ताकतवर है।'

बीजेपी-अकाली को वोट ज्यादा

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि कम्युनिस्ट बहुत अधिक संख्या में लड़ रहे हैं। आप का एक दूसरा ग्रुप है, वो एक पूरा पैनल लड़ा रहा है। इस तरह के कई उम्मीदवार हैं, जिनमें वोट बंटता है। छोटे दलों में चुनाव क्षेत्र के आधार पर बंट रहा है और आप भी लेती है। मैं मानता हूं कि पंजाब में एक बड़ा वोट बैंक है, जिसका मत हमेशा अकाली दल और बीजेपी को मिलता रहा है।

'हमारा किसी से मुकाबला नहीं'

अरुण जेटली का कहना है कि कांग्रेस में बगावत बहुत ज्यादा है। आप में भी कई ग्रुप हैं। मालवा में आप का कोई असर नहीं है। ऐसे में हमारा किसी से मुकाबला नहीं है और बीजेपी को कोई दिक्कत नहीं है।

ड्रग्स को बताया सामाजिक बुराई

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पंजाब में ड्रग्स के मुद्दे को लेकर अरुण जेटली ने कहा कि सबूतों के आधार पर ही व्यवस्था चलती है। ड्रग्स एक सामाजिक बुराई है। इससे समाज, शासन तंत्र और सरकार को भी लड़ना है। राजनीतिक नारा देना और बिना सबूतों के एक-दूसरे पर आरोप लगाना गलत है। अरविंद केजरीवाल के मजीठिया को जेल भेजने पर की बात पर वित्त मंत्री ने कहा, 'वो पहले अपनी पार्टी के विधायकों को बचाएं, जो दिल्ली में एक के बाद एक जेल जा रहे हैं। अगर उनके पास कोई भी सबूत है तो उसकी जानकारी दें और लोगों के सामने लेकर आएं।'

'गैर विचारधारा वालों की राजनीति में जगह नहीं'

हाल ही में कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर उन्होंने कहा कि विचारधारा की राजनीति जरूरी है। गैर विचारधारा वाले लोगों की राजनीति में कोई जगह नहीं है। वो अपने स्वार्थ के मुताबिक किसी भी विचार को अपना सकते हैं और फिर उसे स्वीकार करने के लिए तर्क दे सकते हैं। सेलिब्रिटी स्टेटस पाना और फिर उसके जरिए राजनीति में प्रतिबद्धता दिखाना, इस पर पब्लिक डिबेट की आवश्यकता है।

'स्टार प्रचारक कोई मुद्दा नहीं'

बीजेपी स्टार प्रचारक की लिस्ट में आडवाणी और कटियार समेत कई वरिष्ठ नेताओं के नाम नहीं होने पर अरुण जेटली ने कहा कि स्टार प्रचारक की लिस्ट का ये मतलब नहीं है कि वो कैंपेन नहीं करेंगे। इसके लिए मीडिया को भी इन मुद्दों को गंभीरता से लेना पड़ेगा। स्टार प्रचार कोई मुद्दा नहीं है।

आरक्षण को लेकर कोई गलत बयान नहीं

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बिहार में आरएसएस के आरक्षण को खत्म करने की बात पर वित्त मंत्री ने कहा कि बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। सवाल और जवाब मजहबी आरक्षण को लेकर था, लेकिन इसे जातीय आरक्षण के तौर पर पेश किया गया। अगर इसकी जांच कराई जाए तो पता चलेगा कि आरक्षण पर कोई गलत बयान नहीं दिया गया।

सपा-कांग्रेस गठबंधन पर क्या कहा?

यूपी में सपा और कांग्रेस के गठबंधन पर अरुण जेटली ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि अंतिम स्थिति क्या बनेगी, इसलिए मैं टिप्पणी नहीं कर सकता। मैं यह जरूर बोलूंगा कि कांग्रेस के लक्ष्य का स्तर कम हो गया है। बिहार में वो 40 सीटों से संतुष्ट थे। यूपी में कितनी सीटों से संतुष्ट होंगे, मुझे मालूम नहीं है।'