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तमिलनाडु संकट: जेल जाने के बाद भी तमिलाडु की सियासत में किंगमेकर बनी रहेंगी शशिकला

पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम के बीच सरकार बनाने की रस्साकशी में शशिकला ही किंगमेकर बनी हुई है।

Updated on: 16 Feb 2017, 01:47 PM

highlights

  • पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम के बीच सरकार बनाने की रस्साकशी में शशिकला ही किंगमेकर बनी हुई है
  • तमिलनाडु में सरकार बनाने के लिए जरूरी विधायकों की संख्या अभी भी शशिकला कैंप के पक्ष में ही है

New Delhi:

पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम के बीच सरकार बनाने की रस्साकशी में शशिकला ही किंगमेकर बनी हुई है। सरकार और संगठन दोनों पर शशिकला की पकड़ पहले की ही तरह बनी हुई है।

आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट से सजा मिलने के बाद एआईएडीएमके की महासचिव वी के शशिकला को बेंगुलूरू कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें अगले चार साल के लिए जेल भेज दिया गया।

भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला की 4 साल जेल की सजा पर हाई कोर्ट की लगी रोक को हटा लिया था। शशिकला को सजा मिलने के बाद भले ही सीएम पद पर उनकी दावेदारी खत्म हो गई लेकिन पन्नीरसेल्वम के लिए हालात पहले की ही तरह बने हुए है।

सरकार बनाने के लिए जरूरी 117 विधायकों का जादुई आंकड़ा अभी भी शशिकला के खेमे के पास ही है। विधायकों की संख्या के मामले में पन्नीरसेल्वम अभी भी इंतजार करने की स्थिति में है। इसके साथ ही पार्टी पर भी उनका नियंत्रण छूटता नजर आ रहा है।

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जेल जाने से पहले शशिकला ने पार्टी पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए अपने भतीजे दिनाकरन को डिप्टी सेक्रेटरी बना दिया। इसके अलावा वह अपने भरोसेमंद पलानीसामी को विधायक दल का नेता बनाने में भी सफल रही। पलानीसामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद सरकार पर उनका नियंत्रण बना रहेगा वहीं दिनाकरन की मदद से पार्टी और संगठन में उनकी पकड़ बनी रहेगी। 

दिनाकरन को दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता ने पार्टी से बाहर निकाल दिया था। दिनाकरन की वापसी को पार्टी में मनारगुडी माफिया की वापसी के तौर भी देखा जा रहा है। 2011 में पार्टी की सर्वेसर्वा और भूतपूर्व मुख्यमंत्री जयललिता ने शशिकला के दो भतीजों को निष्कासित कर दिया था। लेकिन जयललिता के निधन के बाद पन्नीरसेल्वम के साथ चली सत्ता की लड़ाई को अपने पक्ष में करने के लिए शशिकला अब अपने दोनों भतीजों को पार्टी में वापस ले आई हैं। 

इनमें से एक टीटीवी दिनाकरन को पार्टी में नंबर दो बना दिया है। शशिकला ने दिनाकरन को पार्टी का उप-महासचिव बना दिया है। जबकि उन्होंने शक्तिशाली महासचिव का पद खुद अपने पास ही रखा है।

विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पलानीसामी दो बार राज्यपाल सी विद्यासागरर राव से मिल चुके हैं। पहली मुलाकात में उन्होंने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। वहीं बुधवार को हुई मुलाकात में पलानीसामी ने राज्यपाल से मिलकर उन्हें 125 विधायकों के समर्थन की सूची पेश की है।

पलानीसामी को उम्मीद है कि राज्यपाल आज उन्हें बहुमत साबित करने के लिए बुला सकते हैं।

234 विधानसभा सीट वाले तमिलनाडु में सरकार बनाने के लिए न्यूनतम 117 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी और यह संख्या शशिकला कैंप के पास है। हालांकि समर्थन में आए विधायकों की संख्या मद्रास हाई कोर्ट को सौंपे गए हलफनामे में बताए गए संख्या से अधिक है।

पन्नीरसेल्वम की तरफ से शशिकला पर विधायकों को कैद कर रखे जाने का आरोप लगाए जाने के बाद राज्य के पब्लिक प्रॉसेक्यूटर ने हाई कोर्ट को बताया था कि रेजॉर्ट में कुल 119 विधायक हैं।

जेल जाने के पहले शशिकला ने जयललिता की समाधि स्थल पर अपने दुश्मनों का सफाया कर देने की शपथ ली थी। साफ तौर पर उनका इशारा पन्नीरसेल्वम को किसी भी हालत में मुख्यमंत्री बनने से रोकना था और वह पार्टी संगठन के अहम पदों पर अपने भरोसेमंद लोगों को बिठाकर कर इस दिशा में बड़ी बढ़त बना चुकी है।

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