logo-image

चुनाव आयोग ने 27 अगस्त को बुलाई सर्वदलीय बैठक, ईवीएम से लेकर बैलेट पेपर तक पर होगा मंथन

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय चुनाव आयोग ने 27 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

Updated on: 09 Aug 2018, 10:14 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय चुनाव आयोग ने 27 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक का मुख्य एजेंडा ईवीएम से जुड़े विवाद और चुनाव से जुड़े हुए मुद्दों पर राजनीतिक दलों की समस्याओं को सुलझाना है। गौरतलब है कि अलग-अलग पार्टियों ने विधानसभा चुनावों में बीजेपी की लगातार जीत के लिए ईवीएम हैकिंग को जिम्मेदार बताते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की थी।

विरोधियों ने आरोप लगया था कि सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ईवीएम को तकनीकी तौर पर हैक कर सारे वोट अपने पक्ष में दिलवाती है। इसलिए आने वाले चुनाव में बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए 17 राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव आयोग से मिलकर ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग रखने का फैसला किया था।

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विपक्षी पार्टियों के साथ मुलाकात कर इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया था।

बता दें कि कुछ दिन पहले समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की थी।

और पढ़ें: क्या 2019 में बैलट पेपर से होगा मतदान, चुनाव आयोग से मिलेंगी 17 राजनीतिक पार्टियां

पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने कहा था कि उनकी पार्टी चुनाव आयोग के सामने यह मांग उठाएगी और यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो पार्टी आयोग के सामने धरना भी देगी।

मीडिया खबरों के अनुसार ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव की मांग करने वाली पार्टियों में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख हैं। हालांकि वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडीएस, टीडीपी के अलावा लेफ्ट पार्टियां भी इस मांग के समर्थन में पार्टियां चुनाव आयोग के सामने अपनी मांग रखेंगी।

गौरतलब है कि कभी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा रह चुकी शिवसेना भी बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग का समर्थन कर चुकी है।

बता दें कि 2014 के आम चुनावों के बाद से कई मौकों पर विपक्षी पार्टियां ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगा चुकी हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने चुनाव में मिली हार का कारण ईवीएम को बताया है।

और पढ़ें: वोट के बदले नोट देने वाले फैला रहे अफवाह, नहीं क्लिक होती पेपर ट्रेल मशीन से फोटो: चुनाव आयोग

2017 में हुए यूपी चुनाव में बीएसपी और एसपी को मिली करारी हार के बाद पार्टियों ने ईवीएम में गड़बड़ी की बात का दावा किया था। वहीं पंजाब चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया था।