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ED ने 5000 करोड़ रु. के लोन फ्रॉड मामले आंध्रा बैंक के पूर्व निदेशक को किया गिरफ्तार

5000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्डरिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आंध्रा बैंक के एक पूर्व निदेशक को गिरफ्तार किया है जिसमें गुजरात की एक दवा कंपनी के कथित तौर पर शामिल है।

Updated on: 13 Jan 2018, 02:49 PM

नई दिल्ली:

5000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्डरिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आंध्रा बैंक के एक पूर्व निदेशक को गिरफ्तार किया है जिसमें गुजरात की एक दवा कंपनी के कथित तौर पर शामिल है।

सूत्रों का कहना है कि अनूप प्रकाश गर्ग को शुक्रवार की शाम को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में ये दूसरी गिरफ्तारी है।

इसी मामले से में ईडी ने पिछले नवंबर को दिल्ली के एक व्यवसायी गगन धवन को गिरफ्तार किया था।

गर्ग को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग ऐक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। अब उसे विशेष अदालत के सामने पेश किये जाने की तैयारी चल रही है।

इस मामले में सीबीआई और ईडी ने गर्ग को आरोपी बनाया था। ईडी ने मनी लॉन्डरिंग मामले में सीबीआई की एपआईआर को संज्ञान में लेते हुए मामला दर्ज किया था।

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एजेंसी का कहना है कि जांच के दौरान आयककर विभाग को 2011 में डायरी में कुछ जानकारियां मिली थीं। जिसमें 1.52 करोड़ रुपये के कैश पेमेंट का जिक्र था। जिसमें संदेसरा ब्रदर्स की तरफ से 2008-09 में 'मि. गर्ग, निदेशक, आंध्रा बैंक' को दिया गया था।

डायरी से जानकारी मिली है कि संदेसरा ब्रदर्स के निर्देश पर कई बेनामी कंपनियों के बैंक खाते से पैसे निकाल कर गर्ग को कई बार पैसे दिये गए।

ईडी ने कहा है कि संदेसरा ब्रदर्स से मिली रकम को कोलकाता स्थित कई फर्जी कंपनियों में कैश और चेक के माध्यम से ठिकाने लगाया गया।

सीबीआई ने स्टर्लिंग बायोटेक के निदेशकों के खिलाफ मामले दर्ज किये थे। इस के साथ ही गर्ग और दूसरे लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था।

कंपनी पर आरोप है कि इसने आंध्रा बैंक से 5000 करोड़ का लोन लिया था। लेकिन लोन की रकम वापस नहीं की गई।

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