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UN में सुषमा ने दिखाया पाक को आईना, 'भारत के IIT-AIIMS के मुकाबले पाकिस्तान ने लश्कर और जैश बनाए'

संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के 'राज्य प्रायोजित आतंकवाद' के आरोपों को सीधे-सीधे खारिज करते हुए उसे ही कटघरे में खड़ा कर दिया।

Updated on: 24 Sep 2017, 07:46 AM

highlights

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा में आतंक के मुद्दे पर सुषमा ने किया पाकिस्तान को एक्सपोज
  • सुषमा ने कहा कि एक साथ सफर शुरू करने के बाद भारत और पाकिस्तान में बड़ा फर्क आ गया
  • विदेश मंत्री ने कहा भारत जहां गरीबी और  भूखमरी से लड़ा रहा है वहीं पाकिस्तान केवल भारत से लड़ रहा है

नई दिल्ली:

संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के 'राज्य प्रायोजित आतंकवाद' के आरोपों को सीधे-सीधे खारिज करते हुए उसे ही कटघरे में खड़ा कर दिया।

स्वराज ने कहा कि जहां भारत पिछले कई सालों में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के 2030 के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए टिकाऊ विकास की मदद से कई योजनाओं को चला रहा है, वहीं हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान सिर्फ भारत से लड़ने की रणनीति पर चल रहा है।

सीधे-सीधे पाकिस्तान का नाम लेते हुए सुषमा ने कहा कि एक साथ आजाद होने के बावजूद भारत जहां वैश्विक तौर पर आईटी का सुपर हब बनकर उभरा है वहीं पाकिस्तान दहशतगर्दों का मुल्क बनकर रह गया।

उन्होंने कहा, 'भारत ने आजादी के बाद एम्स, आईआईटी और आईआईएम बनाए। लेकिन पाकिस्तान ने IIT के मुकाबले LeT (लश्कर-ए-तैय्यबा), IIM के मुकाबले JeM (जैश-ए-मोहम्मद) और AIIMS के मुकाबले HM (हिजबुल मुजाहिद्दीन) बनाए। पाकिस्तान दहशतगर्दों का मुल्क बन कर रह गया।'

विदेश मंत्री ने कहा, 'पाकिस्तान के नेताओं को यह सवाल खुद से पूछना चाहिए कि एक साथ यात्रा शुरू करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच यह अंतर क्यों पैदा हो गया?'

सुषमा ने कहा कि आजादी के बाद भारत ने आतंक की चुनौतियों का सामना करते हुए अपने घरेलू विकास को कभी रुकने नहीं दिया लेकिन पाकिस्तान ने दूसरा रास्ता ले लिया।

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सुषमा ने कहा दुनिया के सामने आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। कई मंचों पर सभी देश आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई को लेकर साझा घोषणापत्र जारी करते रहे हैं लेकिन बात जब कार्रवाई की होती है तो सभी देश अपना-अपना नजरिया अख्तियार कर लेते हैं।

सुषमा ने कहा, 'आतंक के खिलाफ लड़ाई तब तक मुकम्मल नहीं हो सकती है जब कि आतंकवाद की एक समान परिभाषा नहीं तय कर ली जाती है।' उन्होंने कहा कि आतंकवाद में फर्क नहीं किया जा सकता है।

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कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भूलने की आदत रही है। 

इस्लामाबाद को शिमला समझौते और लाहौर घोषणापत्र की याद दिलाते हुए सुषमा ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा दोनों देशों के बीच का है लेकिन पाकिस्तान हर बार इन समझौते को भूल जाता है।

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के महाधिवेशन में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद ने कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को लागू किए जाने की मांग की थी।

इससे पहले भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में आम बहस के दौरान अपने जवाब में आतंकवाद का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान की कड़ी निंदा करते हुए उसे 'टेररिस्तान' बताया था।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन में प्रथम सचिव ईनम गंभीर ने गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद अब्बासी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'पाकिस्तान के छोटे से इतिहास में वह आतंकवाद का पर्याय बन चुका है।'

भारत के हमले से तिलमिलाए पाकिस्तान ने भारत पर क्षेत्रीय ताकत बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय सुऱक्षा सलाहकार (एनएएसए) अजित डोभाल की दोतरफा दबाव बनाने की रणनीति को कभी कामयाब नहीं होने देगा।

पाकिस्तान ने कहा, 'आक्रमक रक्षा और दोतरफा दबाव के इस्तेमाल की डोभाल की वह रणनीति कभी कामयाब नहीं हो सकती, जिससे भारत समझता है कि वह क्षेत्रीय ताकत बन जाएगा।'

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान पिछले कई सालों से कश्मीर का मुद्दा उठाकर भारत को घेरने की कोशिश करता रहा है, हालांकि अभी तक उसकी कोशिश कामयाब नहीं हो पाई।

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