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डोकलाम विवाद: सेना भारत-चीन सीमा पर मजबूत करेगी इंफ्रास्ट्रक्चर, 2020 तक का लक्ष्य

डोकलाम में भारत-चीन के बीच हुई तनातनी के बाद नई दिल्ली सतर्क है। भारत ने सीमावर्ती इलाकों में आधारभूत ढ़ांचे के निर्माण के लिए योजना बनाई है।

Updated on: 14 Oct 2017, 06:35 AM

highlights

  • भारत-चीन सीमा से लगे नीति, लिपुलेख, थांगला 1 को सड़क से जोड़ेगा भारत
  • सेना ने सड़क सीमा संगठन (बीआरओ) को अतिरिक्त धन मुहैया कराने का लिया फैसला

नई दिल्ली:

डोकलाम में भारत-चीन के बीच हुई तनातनी के बाद नई दिल्ली सतर्क है। भारत ने सीमावर्ती इलाकों में आधारभूत ढ़ांचे के निर्माण के लिए योजना बनाई है।

सेना ने कहा कि भारत-चीन सीमा से लगे नीति, लिपुलेख, थांगला 1 को सड़क से जोड़ने का फैसला किया गया है। इसे 2020 तक पूरा करने की योजना है।

सेना ने कहा, 'सड़क सीमा संगठन (बीआरओ) को अतिरिक्त धन मुहैया कराने का भी फैसला किया गया है ताकि सड़क और अन्य ढांचे को मजबूत बनाया जा सके।'

सेना ने नई दिल्ली में चल रहे कमांडरों की कॉन्फ्रेंस में यह फैसला लिया है। डायरेक्टर जनरल स्टाफ ड्यूटी ले. जनरल विजय सिंह ने कह, 'उत्तरी सेक्टर में मजबूत निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि सेना किसी भी तरह की परिस्थिति से निपटने के लिए हर समय तैयार रहे।'

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सम्मेलन में अपने उद्घाटन संबोधन में हथियार, गोला-बारूद और उपकरणों को प्राथमिकता पर जोर दिया।

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आपको बता दें कि चीन का लंबे समय से भारत के साथ सीमा विवाद रहा है। दोनों देशों के बीच 3,488 किमी की सीमा है, जिसका ज्यादातर भाग विवादित है।

चीन व भारत ने दो महीने से ज्यादा समय तक सिक्किम क्षेत्र में डोकलाम में चले सीमा गतिरोध को बीते महीने समाप्त किया।

पिछले महीने के अंत में खबर आई थी कि चीन डोकलाम में अपने मौजूदा सड़क को 10 किलोमीटर चौड़ा कर रहा है। यहीं पर भारतीय और चीनी सेना 73 दिनों तक आमने-सामने आ गई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने हालांकि बाद में कहा था कि यहां यथापूर्व स्थिति बनी हुई है।

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