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दिवाली पर पटाखों के प्रति सचेत पशु प्रेमी, सिलिगुड़ी के युवाओं ने चलाया जागरुकता अभियान

सिलिगुड़ी में पशु प्रेमियों की एक संस्था ने सड़कों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया और हवा में आकाशीय लालटेन को छोड़कर एक संदेश दिया है।

Updated on: 18 Oct 2017, 12:59 PM

highlights

  • सिलिगुड़ी में पशु प्रेमियों की एक संस्था ने सड़कों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया
  • हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए पटाखों को बेचने पर रोक लगा दिया था

नई दिल्ली:

पूरा देश दिवाली की तैयारियों में लगा है, लेकिन इस त्यौहार में फोड़े जाने वाले पटाखों से नुकसान की चर्चा इस बार सबसे ज्यादा है। आम आदमी के साथ जानवरों को भी इससे फैले प्रदूषण के काफी नुकसान पहुंचता है।

पश्चिम बंगाल सिलिगुड़ी के कुछ नौजवानों ने जानवरों को होने वाले नुकसान से जागरुक करने के लिए शानदार कदम उठाया है। 

सिलिगुड़ी में पशु प्रेमियों की एक संस्था ने सड़कों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया और हवा में आकाशीय लालटेन को छोड़कर एक संदेश दिया है।

संस्था ने अपने विशेष थीम के द्वारा पटाखों से जानवरों पर पड़ने वाले प्रभावों के लिेए जागरुकता फैलाई है। उनका मानना है कि पटाखे से जानवरों को होने वाले नुकसान को आम आदमी नहीं समझ पा रहा है।

संस्था के सचिव ने बताया, 'हम पटाखे फोड़ते हैं, जिससे जानवरों को नुकसान पहुंचता है। हम लोगों को इसके बारे में जागरूक करना चाहते हैं और आशा करते हैं कि लोग दूसरों के बारे में सोचते हुए दिवाली मनाएंगे।'

अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए पटाखों को बेचने पर रोक लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक पटाखों के कारण प्रदूषण पर पड़ने वाले असर को देखने के लिए लगाई है।

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बता दें कि मंगलवार को पर्यावरण प्रदूषण निवारण और नियंत्रण प्राधिकरण ने दिल्ली में डीजल जेनरेटर को भी प्रतिबंधित कर दिया। दिवाली से पहले इस तरह के रोक प्रदूषण की गंभीर समस्या की ओर इशारा कर रही है।

हालांकि प्राधिकरण ने मेट्रो और अस्पतालों को जनरेटर चलाने के लिए छूट दी है।

दिवाली से पहले ही दिल्ली के कई इलाकों में वायु की गुणवत्ता काफी खतरनाक स्तर पर पहुंची हुई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक आनंद विहार में 388, पंजाबी बाग में 296 और शादीपुर में 254 पहुंची हुई है।

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