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पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर धर्मेंद्र प्रधान ने पल्ला झाड़ा, कहा- GST ही एक मात्र उपाय

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा देश अपनी जरूरत का 80 फीसदी हिस्सा आयात से पूरा करता है इसलिए तेल की कीमतों पर अंतरराष्ट्रीय बाजार का भी प्रभाव पड़ता है।

Updated on: 14 Sep 2017, 09:34 AM

highlights

  • पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर पेट्रोलियम मंत्री प्रधान ने झाड़ा पल्ला
  • प्रधान ने कहा पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में लाने की जरूरत

नई दिल्ली:

पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम को लेकर केंद्र सरकार के घिरने के बाद पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने डेली डाइनैमिक प्राइसिंग (रोज कीमत तय करने के तरीके) का बचाव किया है।

धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोल और डीजल के दामों की हर दिन समीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। गौरतलब है कि मुंबई में पेट्रोल की कीमत 80 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुका है जिसके बाद मोदी सरकार पर सवाल उठने लगे हैं। बीते तीन सालों में पेट्रोल की कीमत सबसे ज्यादा हो चुकी है वहीं जुलाई के बाद से अबतक 7.3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अब समय आ गया है कि पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाए। पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले भारी टैक्स को कम करने को लेकर भी प्रधान ने कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई।

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प्रधान के मुताबिक 16 जून को डाइनैमिक व्यवस्था लागू होने के बाद जो कमी आई वो किसी ने नहीं देखा लेकिन तात्कालिक कीमत बढ़ी तो इसे मुद्दा बनाया जा रहा है।

प्रधान के मुताबिक भारत में तेल की कीमतों को लेकर जो नियम बनाए गए हैं वो पूरी दुनिया में सबसे पारदर्शी है। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा देश अपनी जरूरत का 80 फीसदी हिस्सा आयात से पूरा करता है इसलिए तेल की कीमतों पर अंतरराष्ट्रीय बाजार का भी प्रभाव पड़ता है।

कच्चे तेल की कम कीमत को लेकर प्रधान ने कहा पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में उतार-चढ़ाव के लिए सिर्फ यही कारण जिम्मेदार नहीं है। प्रधान ने दोहराया इंटरनेशनल मार्केट में तेल की कीमत कम होगी तो भारत में लोगों को इसका फायदा मिलेगा।

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