मराठा संगठनों के विरोध के बाद फडणवीस का ऐलान, भगवान विट्ठल की 'महापूजा' में नहीं होंगे शामिल
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणडवीस ने इस साल पंढरपुर की यात्रा में हिस्सा नहीं लेंगे। सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदाय ने प्रदर्शन करने का ऐलान किया है जिसके बाद फणडवीस ने यह कदम उठाया है।
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस साल पंढरपुर की यात्रा में हिस्सा नहीं लेंगे। सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदाय ने प्रदर्शन करने का ऐलान किया है जिसके बाद फणडवीस ने यह कदम उठाया है।
रविवार (22 जुलाई) को फणडवीस ने भगवान विट्ठल की 'महापूजा' में नहीं जाने का निर्णय लिया।
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सीएम फडणवीस ने कहा, 'मैंने यह कार्यक्रम इसलिए रद्द किया है क्योंकि खुफिया सूचना मिली है कि कुछ लोग वहां अनचाही स्थिति पैदा करने की कोशिश कर सकते हैं जो लोगों के जीवन के लिए खतरा हो सकता है।'
In Maha,tradition of Wari (pilgrims going to Pandharpur) is 700 years old. I have been going there since past 3 years.Some orgs have protested against it, their stand is wrong. If I am the reason for threat to the security of 10 lakhs pilgrims, then I will not go there: Maha CM pic.twitter.com/4ErqLaP2pP
— ANI (@ANI) July 22, 2018
मीडिया से बातचीत में महाराष्ट्रा के सीएम ने कहा, 'महाराष्ट्र में वारी की परंपरा 700 साल पुरानी है। मैं भी पिछले तीन सालों से वहां जा रहा हूं। कुछ संगठनों ने इसका विरोध किया है। मेरे पास Z प्लस की सुरक्षा है कोई मुझे छू नहीं सकता है। लेकिन मैं किसी और के लिए समस्या नहीं बनना चाहता हूं। अगर मैं 10 लाख लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा हूं तो मैं वहां नहीं जाऊंगा।'
भगवान विट्ठल और रुक्मणी को समर्पित सोलापुर जिले के पंढरपुर मंदिर में पुराने समय से चली आ रही परंपरा के अनुसार मुख्यमंत्री हर साल यहां आषाढ़ी एकादशी के मौके पर पूजा करने पहुंचते हैं।
इसके साथ ही फडणवीस ने कहा, 'मराठा आरक्षण पर फैसला हाई कोर्ट द्वारा ही लिया जाएगा। हम मराठा युवाओं के भविष्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।'
मराठा ग्रुप ने धमकी दी है कि सरकारी नौकरी और शिक्षा में अन्य मांगों को नहीं मानती है तो वो धार्मिक कार्यक्रम में बाधा डालेंगे।
इस साल यह एकादशी 23 जुलाई यानी कल है। फडणवीस ने यह घोषणा बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करने के बाद की।
गौलतलब है कि साल 2016 में मराठा समुदाय ने आरक्षण जैसी मांगों और एसटी/एसी(अत्याचार रोकथाम) 1989 के दुरुपयोग को रोकने के लिए 'मराठा क्रांति मोर्चा' बनाया।
महाराष्ट्र की आबादी में करीब 31.5 प्रतिशत मराठा कुणबी जाति है। ये जाति कोंकण और विदर्भ में बहुमत की संख्या में आते है और पहले से ही ओबीसी की सूची में शामिल है।
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