डबल मर्डर मामला: राम रहीम का ड्राइवर खट्टा सिंह गवाही देने को तैयार, पहले डर से पलट चुका है बयान
हत्या के दो अलग-अगल मामलों में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं। साध्वियों से बलात्कार के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद अब उसका ड्राइवर खट्टा सिंह हत्या के दो मामलों में गवाही देने के लिए तैयार हो गया है।
highlights
- हत्या के दो अलग-अगल मामलों में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं
- हत्या के मामले में डेरा प्रमुख का ड्राइवर खट्टा सिंह हत्या के दो मामलों में गवाही देने के लिए तैयार हो गया है
नई दिल्ली:
हत्या के दो अलग-अगल मामलों में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं। साध्वियों से बलात्कार के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद अब उसका ड्राइवर खट्टा सिंह हत्या के दो मामलों में गवाही देने के लिए तैयार हो गया है।
खट्टा सिंह ने कहा, 'मैं डरा हुआ था। वह मुझे और मेरे बेटे को मार डालते। हम डरे हुए थे।'
डेरा प्रमुख रोहतक की जेल में बंद हैं और अब उनके खिलाफ हत्या के दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई शुरु हो चुकी है। हत्या के इन 2 मामलों में गुरमीत राम रहीम को मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर सीबीआई ने नामजद किया है।
पंचकूला कोर्ट में आज हुई पहली सुनवाई में अहम चश्मदीद खट्टा सिंह गवाही देने के लिए तैयार हो गए हैं। खट्टा सिंह के वकील नवकिरण सिंह ने कोर्ट से कहा, 'उन्होंने डर की वजह से 2012 में अपना बयान बदल दिया था।' खट्टा सिंह राम रहीम के ड्राइवर रह चुके हैं।
डबल मर्डर मामले में बलात्कारी गुरमीत की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी
सिंह ने कहा, 'खट्टा सिंह अब दोबारा बयान देना चाहते हैं।' कोर्ट 22 सितंबर को खट्टा सिंह के मामले में यह फैसला करेगी कि उनका बयान दर्ज किया जाए या नहीं।
राम रहीम के खिलाफ हत्या के दो मामले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह के कत्ल से जुडे़ हुए हैं।
डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या आरोप में कृष्ण लाल, अवतार सिंह, जसबीर, सबदिल और इन्द्रसेन को पेश किया गया वहीं पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या आरोप में निर्मल सिंह, कृष्ण लाल और कुलदीप को पेश किया गया।
दोनों हत्या के मामलों के बाकी सभी 7 आरोपियों को भी आज कोर्ट में पेश किया गया।
क्या है मामला?
गुरमीत के खिलाफ पहला मामला डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रंजीत के मर्डर से जुड़ा हुआ है।
डेरा प्रबंधन को शक था कि रंजीत ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। इसी साध्वी की चिट्ठी पर राम रहीम को बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा हुई है।
पत्रकार और डेरा प्रबंधन की हत्या का आरोपी है डेरा प्रमुख
10 जुलाई 2002 को रंजीत की हत्या हुई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रंजीत के पिता ने बाद में जनवरी 2003 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी।
पत्रकार की हत्या
साध्वियों से रेप का मामला सामने आने के बाद सिरसा के पत्रकार छत्रपति ने अपने सांध्य दैनिक 'पूरा सच' में इससे संबंधित खबर छापी थी। उन्होंने वह चिट्ठी भी छापी जिसे साध्वियों ने प्रधानमंत्री तक को लिखा था।
इसके बाद कुछ लोगों ने 24 अक्टूबर 2002 को छत्रपति की गोली मार कर हत्या कर दी थी।
इसके बाद जनवरी 2003 में पत्रकार छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की। हाई कोर्ट ने पत्रकार छत्रपति और रंजीत हत्याकांड की सुनवाई एक साथ करते हुए 10 नवंबर 2003 को सीबीआई को एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश दिए।
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